SIR में कवर हुए बिहार के 99.8% वोटर, बचे हुए लोगों की सूची हर पार्टी के पास, चुनाव आयोग ने पेश किए आंकड़े

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। चुनाव आयोग ने बताया है कि बिहार के 99.8 फीसदी मतदाता इस रिवीजन प्रक्रिया में कवर हो चुके हैं। बचे हुए 0.2 फीसदी मतदाताओं की सूची सभी राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग ने साझा कर दी है। चुनाव आयोग के अनुसार बिहार के 7.23 करोड़ मतदाताओं ने सक्रिय भागीदारी के साथ SIR प्रक्रिया में पूरा विश्वास जताया है। चुनाव आयोग ने 7.23 करोड़ मतदाताओं के प्रपत्र प्राप्त कर लिए हैं और उनका डिजिटलीकरण किया जा चुका है। इन सभी मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे। शेष बचे मतदाताओं के प्रपत्रों और बीएलओ की रिपोर्ट का डिजिटलीकरण भी 1 अगस्त 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
बचे हुए मतदाताओं का क्या?
चुनाव आयोग ने कहा कि जिन मतदाताओं ने फॉर्म नहीं भरे हैं या दिवंगत हो चुके हैं, या फिर स्थायी रूप से किसी दूसरी जगह पर पलायन कर चुके हैं, उनकी सूची सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 20 जुलाई को भेज दी गई थी। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में कोई गलती न रहे।
इन पार्टियों को भेजी बचे हुए मतदाताओं की सूची
बहुजन समाज पार्टी
भारतीय जनता पार्टी
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रीय जनता दल
जनता दल (यूनाइटेड)
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन)
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
नेशनल पीपल्स पार्टी
आम आदमी पार्टी
बीएलओ रिपोर्ट में कई खुलासे
स्थानीय बीएलओ की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 22 लाख दिवंगत मतदाताओं के नाम सूचीबद्ध किए गए हैं। लगभग 7 लाख ऐसे मतदाता हैं, जिनका नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज है। लगभग 35 लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं या उनका पता नहीं चल सका है। लगभग 1.2 लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म अभी प्राप्त नहीं हुए हैं।
1 सितंबर तक आपत्ति जता सकते हैं राजनीतिक दल
SIR के पहले चरण की सफलता का श्रेय बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 38 जिलाधिकारी (जिला निर्वाचन पदाधिकारी), 243 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (ईआरओ), 2,976 सहायक ईआरओ, 77,895 मतदान केंद्रों पर नियुक्त बीएलओ, स्वयं सेवक गण, सभी 12 राजनीतिक दलों, उनके 38 जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित 1.60 लाख बीएलए को दिया गया है। SIR आदेश के अनुसार, 1 अगस्त से 1 सितंबर तक कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल निर्धारित प्रपत्र भरकर किसी भी छूटे हुए योग्य मतदाता के नाम को जोड़ने अथवा किसी अपात्र मतदाता का नाम हटाने हेतु दावा या आपत्ति संबंधित ईआरओ को प्रस्तुत कर सकता है।