Ekta Murder Case: 48 घंटे पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेगा हत्यारोपी विमल, अनसुलझे सवालों का मिलेगा जवाब!
पुलिस ने माना विमल के बयान विरोधाभासी
- एकता गुप्ता का गुम मोबाइल फोन और जिम बैग तलाशना। गिरफ्तारी के बाद विमल ने बताया था कि उसने बिठूर क्षेत्र में मोबाइल तोड़कर दोनों को फेंक दिया था।
- जिस गड्ढे में एकता का शव गाड़ा गया, उसे अल्प समय में नहीं खोदा जा सकता है। अभियुक्त द्वारा इसके लिए कब से तैयारी की जा रही थी। उसका उद्देश्य क्या था इसकी जानकारी करना।
मां के डीएनए सैंपल की मांगी अनुमति
एकता हत्याकांड में पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट से एकता की मां सुनीता गुप्ता का डीएनएस सैंपल लेने की अनुमति मांगी है। पुलिस के मुताबिक गड्ढे से कंकाल बरामद हुआ है। डीएनए से ही सिद्ध हो सकेगा कि जो शव बरामद हुआ है, वह एकता का ही था।
पुलिस के दस्तावेजों में विमल की सुनाई कहानी
24 जून को उसने एनर्जी ड्रिंक दी तो उसमें चुपके से नशीली गोलियां डाल दीं, जिससे उसका सिर घूमने लगा। मैंने उनसे गाड़ी में बैठने के लिए कहा, पीछे से वह भी गाड़ी में आ गया। गाड़ी के शीशे में काली पन्नी होने के कारण कोई देख नहीं पाता था। जब वह हल्के नशे में हो गईं तो हम लोगों के बीच बहस होने लगी। तब मैंने प्लान के तहत गर्दन पर घूंसे से वार किया, जिस पर वह बेसुध हो गईं। इसके बाद उसने गाड़ी में रखी रस्सी से गर्दन को कसकर हत्या कर दी। दुपट्टे को भी गर्दन में लपेट कर गला घोट दिया।
शव को गाड़ी में लादकर गंगा बैराज गया और वहां भीड़भाड़ होने की वजह से वापस लौट आया। कंपनीबाग से रावतपुर की तरफ थोडी दूर जाकर एकता का मोबाइल तोड़कर सिम व सिम ट्रे निकालकर अपनी गाड़ी के डैसबोर्ड पर रख दिया, मोबाइल और जिम बैग फेंक दिया। इसके बाद उसने बिठूर की तरफ पहलवानपुर की मजार से एकता के शव को गंगा में फेंक दिया था। हालांकि, विमल का यह बयान झूठा निकला और जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मोबाइल और जिम बैग फेंकने के बाद में उसने शव को आफीसर्स क्लब में जाकर गड्ढा खोदकर गाड़ दिया। इसके बाद गाड़ी लेकर इधर उधर घूमता रहा। दोपहर दो बजे के आसपास फिर से मिट्टी डालने के लिए आफीसर्स क्लब गया और दोबारा से गड्ढा गहरा कर उसमें शव को मिट्टी व कचरे से दबा दिया।
इन सवालों के भी तलाशे जाने हैं जवाब
ऑफिसर्स क्लब में कैसे घुसा?क्या हत्याकांड में उसकी और किसी ने मदद की?
ग्रीन पार्क व डीएम कंपाउंड मार्ग पर लगे सीसी कैमरे बंद होने में उसकी कोई साजिश तो नहीं थी?