36 साल पुराने डबल मर्डर में 30 साल बाद फैसला, दोषी की सजा पूरी, आठ आरोपियों की हो चुकी है मौत

36 साल पुराने डबल मर्डर में 30 साल बाद फैसला, दोषी की सजा पूरी, आठ आरोपियों की हो चुकी है मौत

खास बातें

  • एक मुख्य आरोपी पहले ही काट चुका है निर्धारित कैद
  • 30 साल से भी ज्यादा समय से कोर्ट में लंबित था मामला

जम्मू-कश्मीर के बारामुला में मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव गुप्ता ने सोमवार को 36 वर्ष पुराने दोहरे हत्याकांड मामले की सुनवाई करते हुए उसका निस्तारण कर दिया। इस मामले के 12 आरोपियों में आठ की इस दौरान मौत हो चुकी है, जबकि तीन को बरी कर दिया गया। जबकि एक मुख्य आरोपी निर्धारित सजा पहले ही पूरी कर चुका है।

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न्यायाधीश ने मुख्य आरोपी द्वारा जांच के दौरान जेल में काटी गई समयावधि को ही उसकी सजा माना है। उस पर 25,000 रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया तथा दंड न भर पाने की स्थिति मे छह महीने का अतिरिक्त कारावास और काटने की सजा सुनाई। दंड की राशि मुआवजे के तौर पर पीड़ित परिवार को दी जाएगी।

बारामुला तहसील के शेलतेंग गांव के रहने वाले जमाल फाफू ने मास्टर जाइना से जोगियार में स्थित तीन कनाल जमीन खरीदी थी। इसके चलते दोनों पक्षों में विवाद हो गया। मामला कोर्ट में पहुंचा तो दोनों ही पक्षों को खेती करने से रोक दिया गया। इस मामले में एक विवाद के दौरान जमाल फाफू और उनके पुत्र हसन फाफू को कुछ लोगों ने लाठी डंडों से बुरी तरह पीटा।

इस दौरान जमाल की पत्नी मास्टर जाइना को चोटें आईं। इसी बीच मुख्य आरोपी गौहर नबी डार ने चाकू से जमाल पर हमला कर दिया, उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। पिता को बचाने पहुंचे हसन पर दूसरे मुख्य आरोपी सुल्तान फाफू ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था, कुछ समय बाद उसकी भी मौत हो गई थी।

इस घटना में 12 लोगों के खिलाफ आरपीसी की धारा 302, 323, 447, 148, और 149 के तहत मामला दर्ज किया गया था। 36 वर्ष चली मामले की सुनवाई के दौरान 12 में से आठ आरोपियों की मौत हो चुकी है।  सुनवाई के बाद न्यायाधीश संजीव गुप्ता ने मुख्य आरोपी गौहर नबी डार और सुल्तान फाफू को आरपीसी की धारा 304-2 के तहत दोषी करार दिया।

हालांकि आरोपी सुल्तान फाफू की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। तीन आरोपियों मास्टर रहमी, मास्टर खुर्सी, और गुल मीर को कोर्ट ने बरी कर दिया। मामले की सुनवाई के दौरान पिछले नौ साल से मुख्य आरोपी गौहर नबी डार हिरासत में था।