ED ने माल्या, नीरव और चौकसी से वसूले 18,170 करोड़ रुपये, हुई 80 फीसदी रिकवरी

ED ने माल्या, नीरव और चौकसी से वसूले 18,170 करोड़ रुपये, हुई 80 फीसदी रिकवरी
  • बैंकों का नुकसान का प्रवर्तन निदेशालय 80.45 फीसदी रिकवर कर लिया है. इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने सरकारी बैंकों और केंद्र सरकार को 9,371.17 करोड़ रुपये वापस किए हैं.

नई  दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय  ने विजय माल्या, नीरव मोदी  और मेहुल चौकसी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय ने विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए (PMLA) के तहत यह कार्रवाई की है. बैंकों का नुकसान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 80.45 फीसदी रिकवर कर लिया है. इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सरकारी बैंकों (PSBs) और केंद्र सरकार को 9,371.17 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं.

तीनों भगोड़े कारोबारियों के चलते बैंकों को 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक तीनों भगोड़े कारोबारियों के चलते बैंकों को 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय 22,585.83 करोड़ रुपये में से 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है. ED का कहना है कि विजय माल्या और पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में बैंकों द्वारा खोए जा चुके 40 फीसदी रकम PMLA के तहत जब्त शेयरों की बिक्री के जरिए वापस मिल चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार कुल जब्त संपत्ति में 969 करोड़ रुपये विदेशों में जब्त किया गया है. ED की जांच में यह बात सामने आई है कि जब्त संपत्ति फर्जी कंपनियों और कई ट्रस्ट बेनामी रिश्तेदारों के नाम दर्ज थे.

बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या इस समय ब्रिटेन में हैं. ED का कहना है कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. गौरतलब है कि माल्या की कंपनी के द्वारा बैंक से लिए गए लोन में गड़बड़ियां पाई गई थी. ईडी और सीबीआई की जांच के दौरान ही माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर भाग गया था. बता दें कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी का आरोप है. यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई. उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए हैं. इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं. सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था.