सीएए के विरोध में हिंसा के लिए पीएफआई की फंडिंग का कच्चा चिट्ठा खुला, ईडी ने दी पाई-पाई की सूचना

सीएए के विरोध में हिंसा के लिए पीएफआई की फंडिंग का कच्चा चिट्ठा खुला, ईडी ने दी पाई-पाई की सूचना

मेरठ व बिजनोर में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) द्वारा की गई हिंसा की फंडिंग का कच्चा चिट्ठा खुल चुका है। ईडी और एटीएस के इनपुट पर पुलिस ने शनिवार को जिले में ताबड़तोड़ दबिश देकर पीएफआई के 12 लोग गिरफ्तार कर लिए। इनमें सौलाना परतापुर के इरफान समेत कई आरोपियों के नाम हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुलिस को आरोपियों के एक-एक बैंक खाते और उसमें जमा पाई-पाई की सटीक सूचना दी। उसी इनपुट पर शनिवार रात बड़ी कार्रवाई की गई। इस ताबड़तोड़ दबिश में एटीएस का भी सहयोग रहा। हिंसा के लिए पैसा कहां से आया और कहां गया, इसका पूरा खुलासा बैंकों की रिपोर्ट और पासबुक की जांच से होगा।

20 दिसंबर 2019 को लिसाड़ीगेट और हापुड़ रोड पर जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई थी। उपद्रवियों ने पुलिस प्रशासन को निशाना बनाया। हिंसा में प्रदेश में सबसे ज्यादा मेरठ में छह लोगों की मौत हुई थी। हिंसा करने के पीछे पीएफआई का हाथ निकला।

हिंसा कराने के लिए पीएफआई ने करोड़ों रुपये की फंडिंग की, इसका खुलासा एक सप्ताह पहले ईडी ने किया था। इसकी जानकारी के बाद मेरठ, बिजनौर, कानपुर व अन्य कई जिलों की पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी।

मेरठ में 12 लोगों के खातों में पीएफआई ने फंडिंग की। इन 12 खातों में से चार खातों में तीन करोड़ की रकम आने की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि ईडी ने पीएफआई के खातों की पूरी डिटेल मेरठ व बिजनौर समेत कई जनपदों को भेजी है। जिससे पता लगाया जा सकता है कि रकम किन-किन खातों में ट्रांसफर हुई।

एसपी क्राइम रामअर्ज ने बताया है कि मेरठ पुलिस ने सभी की डिटेल बैंकों को भेजी है। पीएफआई ने कई अलग-अलग संगठनों के नाम से बैंकों में खाते खुलवा रखे हैं। आरोपियों के पास से मिली पासबुक और बैंकों की जांच रिपोर्ट के बाद इसका खुलासा किया जाएगा।