मनी लॉन्ड्रिंग मामला: DHFL के मालिक कपिल वधावन को ईडी ने किया गिरफ्तार
दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के सीएमडी कपिल वधावन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले ईडी ने पिछले साल अक्तूबर में डीएचएफएल और अन्य संबंधित कंपनियों के लगभग एक दर्जन परिसरों पर छापेमारी की थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में छापे मारे गए थे।
यह है मामला
प्रफुल्ल पटेल से भी की थी पूछताछ
UPPCL घोटाले में भी कंपनी का नाम
दोनों अफसरों ने मिलकर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कर्मचारियों के भविष्य निधि के चार हजार करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में निवेश कर दिए थे। अब भी इस कंपनी में कर्मचारियों के 2268 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने कहा है कि अगर रकम वापस नहीं मिलती है तो वो अपनी तरफ से भुगतान करेगी। यूपीपीसीएल को अब तक डीएचएफएल से केवल 1,855 करोड़ रुपये ही मिले हैं।
क्या है यूपीपीसीएल घोटाला?
उन्होंने तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी से अनुमोदन प्राप्त कर वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के 2015 के आदेश को दरकिनार करते हुए फंड की 50 प्रतिशत से अधिक राशि को डीएचएफसीएल में निवेश किया। गौरतलब है कि डीएचएफएल अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की श्रेणी में शामिल नहीं है।
ऐसे हुआ था यूपीपीसीएल में घोटाला
इस कंपनी के वित्त समिति के सदस्यों को यह हक मिलता है कि वह 200 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की मंजूरी दे सकें। इसका इस्तेमाल करते हुए इन लोगों ने अपने द्वारा बनाई गयी फर्जी कंपनियों को लोन दिया और उसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए किया। इन लोगों ने एक लाख के मामूली पूंजी से दर्जनों फर्जी कंपनियां बनाईं। इन सारी कंपनियों के पते एक हैं और इनके डायरेक्टर भी एक हैं। यहां तक कि इन कंपनियों के खातों की जांच करने वाले ऑडिटरों भी एक ही समूह से जुड़े हैं।