ई-टिकटिंग फ्रॉड के मास्टरमाइंड का रेलवे को ‘ऑफर’, 2 लाख महीना दो सभी कमियां ठीक कर दूंगा
ई-टिकटिंग रैकेट का मास्टरमाइंड हामिद अशरफ को लेकर चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मास्टरमाइंड हामिद रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) के महानिदेशक तक पहुंच गया है। आरोपी ने आरपीएफ महानिदेश को एक संदेश भेजा है जिसमें उसने दावा किया कि रेलवे के आईटी सिक्योरिटी सिस्टम में बहुत सारी कमियां हैं। दुबई में रह रहे मास्टरमाइंड ने आरपीएफ को सुझाव दिया है कि उसे दो लाख रुपये महीने का वेतन दें तो वह सुरक्षा संबंधी सभी कमियों को दूर कर देगा
आरपीएफ के मुताबिक मुख्य आरोपी हामिद अशरफ इस वक्त दुबई में है और उसका कहना है कि उसके जैसे कुछ लोगों को पकड़ लेने से यह धंधा खत्म नहीं होगा। अशरफ का कहना है कि कुछ लोगों को पकड़ने से कोई लाभ नहीं होनेवाला। कुछ दिनों बाद दूसरे लोग ऐसा ही सिंडिकेट खड़ा कर लेंगे। हामिद का दावा है कि आईआरसीटीसी के सिस्टम में सुरक्षा के लिहाज से काफी गड़बड़ियां हैं और कुछ और लोग ऐसा अवैध सॉफ्टवेयर विकसित कर लेंगे।
आरपीएफ ने ई-टिकटिंग रैकेट का किया था भंडाफोड़
हाल के दिनों में रेलवे में अवैध टिकटों पर सबसे बड़ी कार्रवाई के दौरान गुलाम मुस्तफा को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था। गुलाम मुस्तफा ने झारखंड के एक मदरसा से पढ़ाई की है और वह सॉफ्टवेयर डेवलपर है। आरपीएफ को आशंका है कि मुस्तफा के तार टेरर फंडिंग से जुड़े हैं। अशरफ 2016 में ही देश छोड़कर भाग गया था। आरपीएफ डीजी कुमार ने हामिद अशरफ को उस रैकेट का मास्टरमाइंड भी बताया था, जिस पर प्रति माह 10-15 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने का संदेह है। कुमार ने कहा था कि ई-टिकट गिरोह का सरगना सॉफ्टवेयर डेवलपर हामिद अशरफ है जो 2019 में गोंडा के स्कूल में हुए बम कांड में संलिप्त था, उसके दुबई फरार हो जाने का संदेह है।
वॉट्सऐप के जरिए हामिद ने फ्रॉड का किया खुलासा
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, वॉट्सएप ब्रॉडकास्ट के जरिए इस शातिर ने अपने जुर्म का खुलासा किया है। उसने दावा किया है कि आईआरसीटीसी जिस सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है उसमें कई तरह की खामियां हैं। अपने को बेकसूर बताते हुए उसने कहा कि एजेंसी ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए और अब ऐसी घटनाओं के लिए मुझे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों को इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि मैंने क्या डिटेल शेयर किए और अब सारी जिम्मेदारी मुझ पर कैसे डाल सकते हैं? यही संदेश उसने टेक्स्ट मेसेज के जरिए आरपीएफ के महानिदेस अरुण कुमार को भेजा।