प्रचार के दौरान ममता चोटिल, हमले का लगाया आरोप, गरमाई सियासत, मेडिकल बुलेटिन का इंतजार, चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में प्रचार अभियान के दौरान घायल हो गई हैं। उनके पैर में चोट लगी है। उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल लाया गया है। बताया जा रहा है कि उनके पैर में सूजन है। ममता बनर्जी ने इसको साजिश बताते हुए कहा है कि उन पर हमला हुआ है। इस बीच निर्वाचन आयोग ने इस घटना पर रिपोर्ट तलब कर ली है। वहीं भाजपा का कहना है कि ममता चुनाव में सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही हैं। आइए जानें इस वाकए पर किसने क्या कहा…
मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल से बाहर निकलते समय बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एमआरआई हो रही है। उन्हें गंभीर चोट आई है। उनको एक क्रेक का सामना करना पड़ा है। हम मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
पांच डाक्टरों की कमेटी गठित
देर शाम ही सड़क मार्ग से ग्रीन कारिडोर बनाकर ममता को नंदीग्राम से कोलकाता लाया गया। यहां सबसे बड़े सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। उनके इलाज के लिए पांच डाक्टरों की एक कमेटी भी गठित की गई है।
सुरक्षा में सेंध पर सवाल
बड़ा सवाल यह कि जब ममता बनर्जी को जेड प्लस की सुरक्षा उपलब्ध है तो कैसे चार-पांच युवकों ने आकर उन्हें धक्का मार दिया। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ममता को देखने देर रात अस्पताल पहुंचे। यहां राज्यपाल के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गो बैक के नारे लगाए। वहीं इस घटना के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किए हैं।
सहानुभूति बटोरने की कोशिश : अधीर रंजन चौधरी
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह सियासी पाखंड सहानुभूति बटोरने की कोशिश है। नंदीग्राम में मुश्किलें बढ़ती देख उन्होंने चुनाव से पहले इस ‘नौटंकी’ की योजना बनाई। ममता केवल राज्य की मुख्यमंत्री ही नहीं वह पुलिस मंत्री भी हैं। क्या आप मान सकते हैं कि पुलिस मंत्री के साथ कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
सहानुभूति बटोरने के लिए ड्रामा : विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसे सियासी नाटक बताया है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि चुनाव में हार को देखते हुए ममता बनर्जी सहानुभूति बटोरने के लिए यह ड्रामा कर रही हैं।
क्या तालिबान ने हमला किया : अर्जुन सिंह
बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा कि क्या यह तालिबान है जिसने उनके काफिले पर हमला किया? ममता के साथ भारी पुलिस बल होता है। चार आईपीएस अधिकारी उसके सुरक्षा प्रभारी हैं। ऐसे में उनके पास हमला करने कौन जा सकता है। हमलावर कहीं भी बाहर नहीं नजर आते हैं। ममता ने सहानुभूति के लिए यह नाटक किया है।
चुनाव में पुलिस की ना हो तैनाती : सुवेंदु अधिकारी
वहीं नंदीग्राम से भाजपा प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में दो करोड़ से भी ज्यादा लोग बेरोजगार हैं। लोग देश के विकास के साथ जुड़ना चाहते हैं। एक हाथ में केंद्र में मोदी सरकार का लड्डू और दूसरे हाथ में राज्य में भाजपा सरकार का लड्डू दोनों मिलाकर सोनार बांग्ला बनेगा। सुवेंदु ने यह भी कहा कि चुनाव में पुलिस की बजाए अर्धसैनिक बलों को लगाया जाना चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने मांगी रिपोर्ट
निर्वाचन आयोग ने इस घटना पर रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार के दौरान चोट लगने की घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
कई मंदिरों में पूजा
बताया जाता है कि ममता बनर्जी ने बुधवार को नंदीग्राम से अपना नामांकन दाखिल किया। हल्दिया में नामांकन पत्र दाखिल कर ममता वापस नंदीग्राम आकर कई मंदिरों में जाकर पूजा कीं। इसी दौरान एक मंदिर में दर्शन के बाद निकलते समय ममता के पैर में चोट लग गई। ममता ने यह भी कहा कि घटना के वक्त मौके पर एक भी स्थानीय पुलिसकर्मी व एसपी मौजूद नहीं थे। ममता को जेड प्लस की सुरक्षा उपलब्ध है।
कुछ लोगों ने धक्का दिया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि नंदीग्राम में जब वह अपनी गाड़ी के नजदीक थी तो कुछ लोगों ने उन्हें धक्का दिया, जिसके कारण उनके पैर में चोट लग गई। उन्होंने कहा- ‘4-5 लोगों ने गाड़ी एकदम बंद कर दी। बहुत चोट लग गई… वहां लोकल पुलिस से कोई नहीं था। किसी की साजिश जरूर है। यह जानबूझकर किया गया है।’ बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता के SSKM अस्पताल लाया गया है। वहीं राज्यपाल जयदीप धनखड़ भी पहुंचे हैं।
चश्मदीद बोले- किसी ने नहीं दिया धक्का
वहीं कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि ममता बनर्जी को किसी ने धक्का नहीं दिया। नंदीग्राम के बिरुलिया में मौजूद रहे एक प्रत्यक्षदर्शी चितरंजन दास ने कहा कि मैं वहां था, मुख्यमंत्री अपनी कार के अंदर बैठी थीं लेकिन दरवाजा खुला था। एक पोस्टर को छूने के बाद दरवाजा बंद हो गया। किसी ने धक्का नहीं दिया। दरवाजे के पास कोई नहीं था।