विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने लगाया कलक्ट्रेट पर जाम, एडीएमई को सौंपा ज्ञापन

- सहारनपुर में एडीएमई को ज्ञापन सौंपते भाकियू टिकैत से जुड़े किसान।
सहारनपुर। भारतीय किसान यूनियन टिकैत से जुड़े किसानों ने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान समेत विभिन्न मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में किसानों के ट्रैक्टर-ट्रालियों सहित पहुंचने पर महानगर में कई प्रमुख चौराहों पर जाम की स्थित बन गई। किसानों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. अर्चना द्विवेदी को सौंपकर समस्याओं का समाधान कराने की मांग की।
गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन टिकैत की मासिक बैठक में किसानों द्वारा समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 11 अगस्त को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन की घोषणा की गई थी। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत भाकियू टिकैत से जुड़े किसान प्रदेश उपाध्यक्ष चौ. विनय कुमार व जिलाध्यक्ष चौ. राजपाल सिंह के नेतृत्व में ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार होकर जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट तिराहे पहुंचे जहां उन्होंने अपने ट्रैक्टरों को आड़ा-तिरछा खड़ा करके कलक्ट्रेट तिराहे पर जाम लगा दिया। पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को रोकने के लिए हसनपुर चौक पर बैरिकैडिंग लगाई गई थी परंतु किसान उसकी भी परवाह न करते हुए कलक्ट्रेट तिराहे पहुंच गए तथा जाम लगा दिया।
प्रदर्शन व जाम के बीच पहुंची अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. अर्चना द्विवेदी को किसानों द्वारा 11 सूत्रीय मांगपत्र सौंपकर समस्याओं का समाधान कराने की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश के किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली के वायदे को पूरा करने, निजी नलकूपों से मीटर लगाने की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकन तथा पूर्व की भांति निजी नलकूप का कनैक्शन लेने पर 300 मीटर वि़द्युत लाईन विभाग की ओर से किसानों को दिलाने, गन्ने का समर्थन मूल्य 500 रूपए प्रति कुंतल घोषित करने, चीनी मिलों से किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने की मांग की।
इसके अलावा किसानों ने छुट्टा पशुओं की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी परती की जमीनों पर पशुशालाएं बनाने, एमएसपी गारंटी कानून बनाने, देश में अलग से किसान आयोग का गठन करने, फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, कृषि में उपयोग होने वाले यंत्रों व वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त करने, फसलों की बुआई के समय उर्वरकों की दुकानों पर समुचित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने, देश में भूमि अधिग्रहण की नीति को किसानों के अनुरूप बनाने, लखीमपुर खीरी कांड के दोषी को कड़ी सजा देने, मंडी को बर्खास्त करने, देश व प्रदेश में सूखे की चपेट में आए जनपदों का मैदानी सर्वे करने तथा किसानों की नष्ट हुई फसलों का तत्काल प्रभाव से मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों में युवा जिलाध्यक्ष अजय काम्बोज, राजवीर काम्बोज, वीरेंद्र ओहलान, अरूण राणा, मेवाराम, चौ. अशोक कुमार, रघुवीर सिंह आर्य समेत हमारों किसान शामिल रहे।