एडीएमई की बेरूखी के चलते औपचारिकता बनकर रह गया सम्पूर्ण समाधान दिवस

नकुड़ [24CN]। तहसील परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस मात्र औपचारिकता बनकर रह गया क्योंकि सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंची अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने किसी भी मामले का समाधान करने में रूचि नहीं दिखाई तथा अधिकांश मामलों में उन्होंने शिकायतकर्ताओं को न्यायालय में जाने की सलाह दे डाली।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर शनिवार को आयोजित होने वाला सम्पूर्ण समाधान दिवस दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर अवकाश होने के कारण आज सोमवार को आयोजित किया गया था। नकुड़ तहसील परिसर में आयोजित समाधान दिवस में पहुंची अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. अर्चना द्विवेदी ने पीडि़तों की समस्याओं का समाधान करने के बजाए उन्हें कोर्ट में जाने की सलाह देने तक ही सीमित रही। जबकि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन इस उद्देश्य को लेकर किया जाता है कि पीडि़त व्यक्ति को सस्ता व सुलभ न्याय जल्दी मिल सके तथा किसान व अन्य पीडि़त लोग न्यायालय के चक्कर न काटें परंतु सम्पूर्ण समाधान दिवस में मौजूद अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. अर्चना द्विवेदी सम्पूर्ण समाधान दिवस में फरियाद लेकर आने वाले अधिकारियों को कह रही थी कि इस मामले को लेकर समाधान दिवस में लेकर क्यों आए हो। इस कारण आज सम्पूर्ण समाधान दिवस मात्र औपचारिकता बनकर रह गया। समाधान दिवस में जो फरियादी अपनी फरियाद लेकर आए थे सबका निराश होकर लौटना पड़ा। जबकि सम्पूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी देवेंद्र पांडेय, पुलिस उपाधीक्षक नकुड़ अरविंद पुंडीर, सीओ गंगोह मो. रिजवान समेत पुलिस का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं रहा।