Dry Day in Delhi: शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर, 31 मार्च तक 5 दिन बंद रहेंगी वाइन की दुकानें

Dry Day in Delhi: शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर, 31 मार्च तक 5 दिन बंद रहेंगी वाइन की दुकानें

नई दिल्ली । दिल्ली में 31 मार्च तक पांच दिन शराब की दुकानें बंद रहेंगी। दिल्ली के आबकारी आयुक्त राहुल सिंह ने इस बारे में आदेश जारी किया है। जारी आदेश के तहत 26 जनवरी यानी मंगलवार को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी में शराब की बिक्री बंद रहेगी। इसके अलावा गुरु रविदास जयंती के अवसर पर 27 फरवरी और मार्च में तीन दिन शराब की दुकानें बंद रहेंगी। इसमें आठ मार्च को स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती, 11 मार्च को महाशिवरात्रि, 29 मार्च को होली के उपलक्ष्य में शराब की बिक्री पूर्ण रूप से बंद रहेगी। आबकारी आयुक्त ने आदेश में स्पष्ट किया है कि यह आदेश होटलों में शराब परोसने पर नहीं लागू होगा, लेकिन शराब की दुकानें बंद रहेंगी।

इधर, दिल्ली में कराए गए सर्वे में 50 फीसद लोग चाहते हैं कि शराब खरीदने की उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष कर दी जाए। वहीं, 54 फीसद लोग दिल्ली में शराब के ठेकों के निजीकरण का समर्थन करते हैं। 73 फीसद ने दिल्ली सरकार के प्रस्तावित आबकारी नियमों सुधारों का समर्थन किया है। दिल्ली की नई आबकारी नीति के लिए विभाग द्वारा मांगे गए सुझावों को लेकर लोकल सर्कल द्वारा आनलाइन सर्वे किया गया है। सर्वे 11 से 18 जनवरी के बीच किया गया। इसमें सभी 11 जिलों से 8,136 से लोगों ने भाग लिया। इसमें 73 फीसद पुरुष व 27 फीसद महिलाएं शामिल थीं। भाग लेने वाले सभी लोगों की उम्र 25 वर्ष से अधिक थी।

शराब दिल्ली में राजस्व के बड़े स्नोतों में से एक है। सरकार ने बीते वित्तीय वर्ष 2019-20 में शराब बिक्री से लगभग पांच हजार करोड़ रुपये कमाए थे। राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से सितंबर 2020 में दिल्ली सरकार द्वारा गठित दिल्ली आबकारी समिति ने 2021-22 के लिए आबकारी नीति में बदलाव की सिफारिश की है। इसके लिए जनता से सुझाव मांगे गए हैं, ताकि मंत्रिमंडल को अंतत: नीति बनाने के लिए मंजूरी दी जा सके।

यह समिति शराब की खुदरा क्षेत्र में दिल्ली सरकार की उपस्थिति को कम से कम करने की सिफारिश करती है और अंतत: सरकार को खुदरा क्षेत्र से बाहर निकलने की बात कहती है। समिति ने सिफारिश की है कि शराब खरीदने के लिए नोएडा और गाजियाबाद की तरह ही दिल्ली में भी न्यूनतम आयु 25 से घटाकर 21 कर दी जाए। शराब की दुकानों पर उपभोक्ता के अनुभव को सुधारने और उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पड़ोसी राज्यों को राजस्व के नुकसान को कम करने के उद्देश्य से ये सुझाव दिए गए हैं। अभी सरकारी निगम की एक दुकान से औसत वार्षिक पांच करोड़ और निजी दुकान से आय आठ करोड़ प्रति वर्ष है।

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