नई दिल्ली । कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन की नई दवा 2 DG की पहली खेप के तहत 10 हजार डोज सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लॉन्च किया। तीन ट्रायल के बाद 1 मई 2021 को DCGI की ओर से इसके आपातकाल उपयोग की अनुमति मिल गई। पाउडर के रूप में इस ड्रग को एक सैशे (sachet) में दिया जाएगा जो पानी में घोलकर लेना होगा। यह संक्रमित कोशिकाओं पर जाकर वायरस की वृद्धि को रोकने में सक्षम है।

रक्षा मंत्री के कार्यालय की ओर से पोस्ट किए गए ट्वीट में इस बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि आज सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रक्षा मंत्री की ओर से इस दवा की पहली खेप जारी की जाएगी। इस दवा को DRDO की न्युक्लियर मेडिसीन इंस्टीट्यूट एंड अलाइड साइंसेज (INMAS) ने डॉक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर विकसित किया है।

डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट समेत DRDO वैज्ञानिकों ने किया विकसित

गत शुक्रवार को DRDO अधिकारी की ओर से एएनआइ को इस बात की जानकारी दी गई थी कि अगले सप्ताह 2DG दवा की 1000 खुराक वाली पहली खेप जारी कर दी जाएगी और इसे कोविड मरीजों को दिया जा सकेगा। DRDO के अधिकारियों ने यह भी बताया, ‘दवा निर्माता आगे इस्तेमाल के लिए उत्पादन की प्रक्रिया तेज करने पर काम कर रहे हैं। इस दवा को बनाने में डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट समेत DRDO वैज्ञानिकों का योगदान है।’ इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया गया जिसका परिणाम सकारात्मक रहा है। इस ट्रायल में पता चला कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के तेजी से स्वस्थ होने में ये मॉलिक्यूल मदद करते हैं और अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करता है। महामारी के खिलाफ तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर DRDO ने इस दवा के विकास का फैसला लिया था।

6,11 और 27 अस्पतालों में हुई ट्रायल

महामारी की पहली लहर के दौरान अप्रैल 2020 में  INMAS-DRDO वैज्ञानिकों ने मिलकर CCMB , हैदराबाद की मदद से काम शुरू किया और तभी पता चला कि ये मालिक्यूल SARS-CoV-2 वायरस पर असरदार हैं और इसके वृद्धि को रोकने में सक्षम हैं। इन परिणामों के आधार पर DCGI ने मई, 2020 में इसके फेज 2 क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति दे दी। दूसरे फेज का ट्रायल पिछले साल मई से अक्टूबर तक चला और इसमें काफी अच्छे रिजल्ट सामने आए। इस ट्रायल को दो हिस्सों में चलाया गया पहली बार में 6 अस्पताल दूसरी बार में देश के 11 अस्पतालों को कवर किया गया। इसमें 110 मरीजों को यह दवा दी गई और इसके असरदार परिणाम सामने आए। इसे देखते हुए DCGI ने तीसरे क्लिनिकल ट्रायल की भी अनुमति दे दी जो 220 मरीजों पर दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 27 अस्पतालों में किया गया। ये अस्पताल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के हैं।