नई दिल्ली: निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। पदभार ग्रहण करने का समारोह संसद के सेंट्रल हाल में होगा। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमणा उनको राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे। मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सेंट्रल हाल तक उनके साथ जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश दिलाएंगे राष्ट्रपति पद की शपथ
द्रौपदी मुर्मू के पहुंचने के बाद सेंट्रल हाल में राष्ट्रगान गाया जाएगा। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा उनकों 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाएंगे। पिछले दिनों हुए राष्ट्रपति चुनावों में मुर्मू ने अपने प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा पर प्रचंड जीत हासिल की। वो देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होंगी और देश में सर्वोच्च पद पर काबिज होने वाली दूसरी महिला हैं।
प्रतिद्वंद्वी पर प्रचंड जीत की हासिल
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 22 जुलाई को हुई मतगणना समाप्त होने के बाद आधिकारिक तौर पर देश का 15वां राष्ट्रपति घोषित किया गया। मुर्मू को 6,76,803 के मूल्य के साथ 2,824 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को 3,80,177 के मूल्य के साथ 1,877 वोट मिले। 18 जुलाई को हुए मतदान में कुल 4,809 सांसदों और विधायकों ने मतदान किया था।
जूनियर क्लर्क के तौर पर शुरू किया करियर
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 30 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संताली आदिवासी परिवार में हुआ। उन्होंने भुवनेश्वर से अपनी शिक्षा प्राप्त की और 1979 से 1983 तक राज्य सिंचाई और बिजली विभाग में एक जूनियर सहायक के रूप में काम किया। जिसके बाद वो साल 1997 तक रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में टीचर के तौर पर कार्यरत हुईं। मुर्मू ने साल 1997 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। वह पहली बार रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद के रूप में चुनी गईं और फिर साल 2000 में उसी पंचायत की अध्यक्ष बनीं। बाद में, उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।