डा फारूक अब्दुल्ला बोले- जोखिम भरी जगह पर टेंट लगाने की क्या थी जरूरत, जांच करवाए सरकार

- डा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि आखिरकार अमरनाथ श्रद्धालुओं के लिए टेंट एक जोखिम भरे स्थान पर क्यों लगाए गए थे।
जम्मू। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख डा फारूक अब्दुल्ला ने अमरनाथ त्रासदी पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि सरकार को इस पूरे मामले की जांच करने की जरूरत है, क्योंकि जोखिम भरी जगह पर टेंट लगाने की क्या जरूरत है। इससे पहले कभी भी इस स्थान पर टेंट नहीं लगाए। अगर इस जगह पर टेंट नहीं लगाए गए होते तो जानी नुकसान का आंकड़ा कम होता।
डा फारूक अब्दुल्ला ने अमरनाथ की पवित्र गुफा के समीप गत शुक्रवार को बादल फटने से हुई तबाही पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि आखिरकार अमरनाथ श्रद्धालुओं के लिए टेंट एक जोखिम भरे स्थान पर क्यों लगाए गए थे। इससे पहले कभी भी इस स्थान पर टेंट नहीं लगाए गए हैं। यह चिंता की विषय है और एक मानवीय त्रुटि भी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमरनाथ में आई त्रासदी का शिकार होने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को सरकार की ओर से अच्छा मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
नेशनल कांफ्रेेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने से हुई तबाही पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस हादसे में कई अमूल्य जानों के नुकसान की खबर से मुझे बहुत दुख पहुंचा है। मरने वालों के परिजनों के साथ मेरी पूरी सांत्वना है। इस घटना में जो भी घायल हैं, उनके जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने और उसके बाद आई बाढ़ में कई लोगों मौत से मुझे बहुत दुख पहुंचा है। उन्होंने मरने वालोे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए उनके परिजनो के साथ अपनी संवेदना भी व्यक्त की है।
यहां यह बता दें कि अमरनाथ की पवित्र गुफा के समीप बादल फटने से 16 की मौत हो चुकी है जबकि 40 लापता हो गए हैं। सेना के एमआइ 17वी5 हेलिकाप्टर की दमद से पंचतरणी में बचाव अभियान चलाते हुए 21 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया गया है।
इसी बीच एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल का कहना है कि अमरनाथ त्रासदी में अब तक 16 की मौत हो चुकी है जबकि अभी भी 40 लापता हैं। बचाव दल को राहत अभियान में किसी तरह की कोई परेशानी पेश नहीं आ रही है। एनडीआरएफ की चार टीमों और 100 बचाव दलकर्मी राहत अभियान में जीजान से जुटे हैं। सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है।