भारत, पाकिस्‍तान से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन मंगाने पर घ‍िरे डोनाल्‍ड ट्रंप, अमेरिकी वैज्ञानिक का बड़ा आरोप

भारत, पाकिस्‍तान से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन मंगाने पर घ‍िरे डोनाल्‍ड ट्रंप, अमेरिकी वैज्ञानिक का बड़ा आरोप

 

  • अमेरिका के एक बर्खास्त वैज्ञानिक ने राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है
  • उन्‍होंने कहा कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान में ‘बिना जांच की गई फैक्ट्रियों’ से दवा मंगाई
  • वैज्ञानिक ने कहा कि ट्रंप ने आयात पर अमेरिका में डॉक्टरों की चिंताओं को नजरअंदाज किया

वॉशिंगटन
अमेरिका के एक बर्खास्त वैज्ञानिक ने आरोप लगाया कि डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने चिंताओं को नजरअंदाज करके भारत और पाकिस्तान में ‘बिना जांच की गई फैक्ट्रियों’ से मलेरिया रोधी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मंगाई। ट्रंप ने आयात पर अमेरिका में डॉक्टरों की चिंताओं को नजरअंदाज किया और देश को ‘अप्रमाणित और संभावित रूप से खतरनाक’ मलेरिया रोधी दवा से भर दिया।

व्हिसलब्लोअर्स की सुरक्षा संबंधी कार्यालय यूएस ऑफिस आफ स्पेशल काउंसेल के समक्ष मंगलवार को की शिकायत में रिक ब्राइट ने यह आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने खासतौर से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाइयां और निजी सुरक्षा उपकरण के संबंध में उनके और अन्य लोगों के संदेशों को बार-बार नजरअंदाज किया।

जब ब्राइट को बर्खास्त किया गया था तब वह स्वास्थ्य और मानव सेवा (एचएचएस) विभाग के साथ काम करने वाली अनुसंधान एजेंसी बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डिवलेपमेंट एजेंसी के प्रमुख थे। शिकायत में कहा गया है, ‘डॉ. ब्राइट पाकिस्तान और भारत से दवा के आयात को लेकर अत्यधिक चिंतित थे क्योंकि एफडीए ने दवा या उसे बनाने वाली फैक्ट्री का निरीक्षण नहीं किया था।’

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की पांच करोड़ गोलियों का आयात
इसमें आरोप लगाया गया है कि जिन कारखानों की जांच नहीं हुई है वहां बनने वाली ये दवाएं मिलावटी हो सकती हैं और यह दवा को लेने वाले लोगों के लिए खतरनाक बात हो सकती है। ट्रंप प्रशासन ने मलेरिया के इलाज में दशकों से इस्तेमाल होती आ रही दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की करीब पांच करोड़ गोलियों का आयात किया था जिसे मार्च में अमेरिकी खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफडीए) से आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।

शिकायत में आरोप लगाया गया कि ट्रंप प्रशासन ब्राइट और उनके विभाग की बात सुनने का इच्छुक नहीं था। ब्राइट ने आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए बर्खास्त किया गया क्योंकि उन्होंने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए ‘सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित’ समाधानों पर निधि खर्च करने पर जोर दिया न कि ऐसी ‘दवाओं, टीकों और अन्य तकनीकों पर’ जो वैज्ञानिक मानकों पर खरे नहीं उतरते। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से अमेरिका में 70,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 12 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं।


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