जल्दबाजी न पड़ जाए भारी, पॉजिटिव कोरोना मरीज को भी नेगेटिव बता रहा रैपिड एंटीजन टेस्ट

जल्दबाजी न पड़ जाए भारी, पॉजिटिव कोरोना मरीज को भी नेगेटिव बता रहा रैपिड एंटीजन टेस्ट

नई दिल्ली
घातक कोरोना वायरस को फैलते हुए करीब 6 महीने का वक्त बीत चुका है। लेकिन अबतक इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि इसको पकड़ने का सबसे सटीक टेस्ट कौन सा है। शक की ताजा वजह महाराष्ट्र से सामने आई है। वहां एक टेस्ट में मरीज नेगेटिव आता है वहीं दूसरे में उसको कोरोना होने का पता चलता है। सवाल रैपिड एंटीजन टेस्ट के नतीजों पर खड़ा हो रहा है। इस टेस्ट में नेगेटिव पाए गए लोग जब आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाते हैं तो पॉजिटिव पाए जाते हैं। महाराष्ट्र में ऐसे मामले बढ़ने के बाद तमिलनाडु जैसे राज्य, जहां कोरोना बढ़ रहा है वे RT-PCR टेस्ट पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।

जल्दबाजी न पड़ जाए भारी
एंटीजन टेस्ट की तरफ झुकाव की वजह तेज नतीजे हैं। इसमें लगभग एक घंटे के अंदर रिजल्ट सामने होता है। लेकिन RT-PCR के मुकाबले इसमें सेंसिविटी कम है। इसलिए नतीजों पर उतना भरोसा नहीं किया जा सकता। मुंबई की दो बड़ी लैब्स का डेटा बताता है कि 65 प्रतिशत ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण थे वे एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव आए और फिर RT-PCR टेस्ट में पॉजिटिव।
दिल्ली में भी गड़बड़ी
मिली जानकारी के मुताबिक, 18 जून से 21 जुलाई तक दिल्ली में 3.6 लाख लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट हुआ। इसमें से सिर्फ 6 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव पाए गए। कुल नेगेटिव आए लोगों में से 2,294 केस ऐसे थे जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे थे। फिर उनका RT-PCR टेस्ट हुआ। फिर उनमें से 15 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव मिले। नतीजों में ऐसी गड़बड़ की वजह से ही तमिलनाडु सिर्फ RT-PCR टेस्ट ही कर रहा है। वहां 113 हॉस्पिटलों में रोजाना कुल 50 हजार टेस्ट हो रहे हैं।


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