कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार वाहन को डीएम ने दिखाई हरी झण्डी
- जिलाधिकारी ने कृषकों से की अपील, फसल अवशेष जलाने के बजाए करें उचित प्रबंधन
सहारनपुर, दिनांक 05 अक्टूबर, 2024 (सू0वि0)। जिलाधिकारी श्री मनीष बंसल द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार वाहनों को कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।
जिलाधिकारी द्वारा किसानों से अपील की गयी कि किसान खेतों में धान की पराली व गन्ना की पाती आदि फसल अवशेष न जलायें बल्कि उनको खेतों में मिलाकर मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ायें। फसल अवशेषों को खेत में जलाया जाना दण्डनीय अपराध है, यदि कोई कृषक खेत में फसल अवशेष जलाते हुए पाया जाता है तो उसके विरूद्ध मा० राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा 24 एवं 26 के अन्तर्गत पर्यावर्णीय क्षति पूर्ति हेतु दण्ड का प्राविधान है।
कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड से कम होने की दशा में 2500 रूपये अर्थदण्ड प्रति घटना। कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड से 5 एकड के बीच होने की दशा में 5000 रूपये अर्थदण्ड प्रति घटना। कृषि भूमि का क्षेत्रफल 5 एकड से अधिक होने की दशा में 15000 रूपये अर्थदण्ड प्रति घटना एवं कृषि अपशिष्ट के जलाये जाने की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित करने का प्राविधान है।
जिलाधिकारी द्वारा कृषकों को सलाह भी दी गयी कि किसान अपने खेतों में धान की पराली व गन्ने की पाती को न जलाये बल्कि फसल अवशेष प्रबन्धन करते हुए खेतों में धान की पराली व गन्ने की पाती इन-सीटू के आधुनिक कृषि यंत्रों यथा मल्चर श्रब, मास्टर, रोटरी स्लेशर आदि के माध्यम से छोटा-2 काटकर इस पर बायो डिकम्पोजर का प्रयोग कर पराली को गलाये एवं मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ायें। फसल कटाई के समय कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग एस०एम०एस० एवं स्ट्रारीपर के साथ ही किया जाये। इसके साथ-2 बेलर का प्रयोग कर फसल अवशेष के गटठे बनवाकर उनको सी०बी०जी० प्लाण्ट में बिक्री हेतु भेजा जाये। उन्होने बताया कि जनपद स्तर पर 07 अक्टूबर 2024 को जागरूकता गोष्ठी का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र किया जाएगा।