23 जून से न्यायालयों में कार्य संचालन होगा – जिला एवं सत्र न्यायाधीश
सहारनपुर [24CN] । कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत पूर्व में जारी की गई न्यायालय संचालन के सभी दिशा-निर्देशों को संशोधित करते हुए 23 जून 2021 से न्यायालय संचालन किया जाएगा । माननीय उच्च न्यायालय के पत्र के अनुपालन में जिला न्यायालय सहारनपुर, बाह्य न्यायालय देवबंद व ग्राम न्यायालय बेहट नये दिशा निर्देशों के अनुरूप एवं शर्तों के अधीन न्यायिक कार्य के लिए खुले रहेंगे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि समस्त न्यायालय सभी प्रकार के वादों/केसेस में (मामलों में साक्ष्य अंकित करने की कार्यवाही को छोड़कर) सुनवाई करेंगे । जिला न्यायाधीश की पूर्व अनुमति द्वारा अति आवश्यक केसेस में साक्ष्य अंकित करने की कार्यवाही की जा सकती है । अत्यावश्यक प्रकृति के मामलों को वरीयता दी जाये । विचाराधीन बंदियों से सम्बन्धित समस्त रिमांड/न्यायिक कार्य वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जायेगा । किसी प्रकार की तकनीकी समस्या होने पर अन्य माध्यम का उपयोग किया जा सकता है । इसके अतिरिक्त कार्यालय से संबंधित अन्य लंबित कार्य, अन्य प्रशासनिक कार्य । उन्होने समस्त न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण व कर्मचारीगण को निर्देशित किया है कि वे न्यायिक/प्रशासनिक कार्य समाप्ति के उपरान्त न्यायालय परिसर छोड़ देंगे ।
जिला न्यायालय परिसर को खोलने से पूर्व सम्पूर्ण परिसर का मेडिकल गाइडलाईन के अनुरूप सैनिटाइजेशन किये जाने हेतु जिलाधिकारी, नगर निगम एवं मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखा जाए तथा प्रत्येक कार्यदिवस को न्यायालय परिसर खुलने से पूर्व मेडिकल गाइडलाईन के अनुरूप सैनिटाइजेशन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए । इस सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी, नजारत, केन्द्रीय साध्यपाल के माध्यम से प्रत्येक कार्य दिवस पर न्यायालय खुलने से पूर्व न्यायालय परिसर का सैनेटाइजेशन कराना सुनिश्चित करेंगे ।
श्री अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जिला न्यायालय परिसर में थर्मल स्कैनिंग के उपरान्त ही प्रवेश अनुमन्य होगा । इस संबंध में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व केन्द्रीय साध्यपाल उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें । न्यायिक अधिकारीगण/विद्वान अधिवक्तागण के आग्रह पर वर्चुअल कोर्ट की सुविधा का भी प्रयोग किया जा सकेगा । केन्द्रीय फाइलिंग काउण्टर (कम्यूटर अनुभाग) पर सभी प्रकार के नवीन वाद/प्रार्थनापत्र (सिविल व दाण्डिक) अथवा अन्य प्रार्थनापत्र दाखिल किए जा सकेंगे । ऐसे सभी वाद/प्रार्थनापत्र ब्प्ै पर प्रविष्ट किए जाएंगे । सभी प्रार्थनापत्र/वादों पर अधिवक्ता एवं वादकारीगण का पूर्ण विवरण एवं मोबाइल नम्बर अंकित किया जाना आवश्यक होगा । किसी त्रुटि के संबंध में अधिवक्तागण को सूचित किया जाएगाए उसके उपरान्त सभी प्रार्थनापत्र संबंधित न्यायालय को भेजे जाएं । नोडल ऑफिसर कम्प्यूटर व सिस्टम ऑफिसर इस संबंध में आवश्यक अनुपालन सुनिश्चित करें ।
पक्षकारों द्वारा लिखित बहस भी न्यायिक सेवा केन्द्र ;ब्मदजतंसप्रमक पिसपदह ब्वनदजमतध् ब्वउचनजमत ैमबजपवदद्ध पर दाखिल की जा सकती है जो कि कम्प्यूटर अनुभाग द्वारा संबंधित न्यायालय को भेजी जायेंगी । जनपद न्यायालयए सहारनपुर में अधिवक्ताओं/ वादकारियों की सहायतार्थ हेल्पलाइन नंबर स्ंदकसपदम दव. 0132. 2711441 व समर्पित मेल आई०डी० म्उंपस पक. कबेंींचचसपबंजपवद/हउंपसण्बवउ है। ई०मेल० आई०डी० का उपयोग जमानत प्रार्थनापत्र/अन्तरिम जमानत प्रार्थनापत्र, अन्य अति आवश्यक प्रार्थनापत्र लिखित बहस सहित प्राप्त किए जाने हेतु किया जा सकता है । यह वैकल्पिक माध्यम अन्य प्रकार से प्राप्त किए जाने वाले प्रार्थना पत्र के अतिरिक्त रहेगा । इस सम्बन्ध में सिस्टम आफिसर कम्प्यूटर अनुभाग अनुपालन सुनिश्चित करें ।
जिला न्यायाधीश ने निर्देश दिए कि न्यायालय कक्ष में अधिवक्तागण के लिए केवल 04 कुर्सियाँ उचित दूरी का पालन करते हुए रखी जायेंगी । न्यायालय परिसर व न्यायालय कक्षों में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन सख्ती से किया जायेगा । पीठासीन अधिकारी अपने न्यायालय कक्ष में निर्देशों का पालन कराया जाना सुनिश्चित करेंगे । न्यायालय परिसर में तथा न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मॉस्क का प्रयोग किया जाना अनिवार्य होगा । न्यायालय कक्ष के प्रवेश द्वार पर सैनेटाईजर की व्यवस्था की जायेगी । प्रस्तुतकर्ता, लिपिक व सभी संबंधित सोशल डिस्टैंसिंग का सख्ती से पालन किया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
न्यायालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति केवल उन्ही अधिवक्तागण को होगी जिनका वाद उस तिथि में नियत हो । अधिवक्तागण, बहस पूर्ण होने के उपरान्त न्यायालय परिसर छोड़ देंगे ।
वादकारियों व उनके प्रतिनिधियों का प्रवेश न्यायालय परिसर अथवा न्यायालय के प्रवेश द्वार पर सख्त रूप से प्रतिबन्धित रहेगा । अत्यावश्यक मामलों में संबंधित विचारण न्यायालय द्वारा जिला न्यायाधीश की पूर्व अनुमति से साक्ष्य रिकॉर्ड किये जाने की परिस्थिति में वादकारी/अन्य व्यक्ति को न्यायालय परिसर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जा सकेगी । समस्त न्यायालय के पीठासीन अधिकारी माननीय उच्चतम न्यायालय/माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा न्यायिक क्षेत्र में एवं केन्द्रीय शासन व राज्य शासन द्वारा कोविड-19 के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
उत्तर प्रदेश शासन के दिशा-निर्देश के अनुसार दिशा-निर्देश ऐसे जिलों में प्रभावी होंगे जहाँ स्वास्थ्य विभाग की दैनिक आख्या के अनुसार कोविड-19 के सक्रिय मामले 500 से कम हों । जैसे ही सक्रिय मामलों की संख्या 500 से अधिक होगी, तदानुसार जिला न्यायालय संचालन हेतु जारी किए गये पूर्व दिशा-निर्देश प्रभावी होंगे । समस्त न्यायिक अधिकारीगण द्वारा निर्णीत वादों/प्रार्थना पत्रों की नियमित सूचना प्रशासनिक कार्यालय, जिला जजी, सहारनपुर में 4ः00 बजे तक आवश्यक रूप से प्रस्तुत की जायेंगी । यह दिशा- निर्देश अग्रिम आदेश तक जारी रहेंगे ।