स्वास्थ्य विभाग की जनपद और ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य टीमों ने 26164 रोगियों का उपचार किया
सहारनपुर [24CN]। वैक्टर जनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य विभाग की जनपदीय स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य टीमों द्वारा ब्लॉक गंगोह के ग्राम फतेहचन्दपुर, खण्डलाना, ब्लॉक पंुवारका के ग्राम गदनपुर, ब्लॉक मुजफ्फराबाद के ग्राम दयालपुर, ब्लॉक सुनहेटी खडखडी के ग्राम बनीखेड़ा तथा नगर क्षेत्र में मोहल्ला कपिल विहार, ब्रहमपुरी सहारनपुर में स्वास्थ्य षिविरों का आयोजन किया गया जिसमें कुल उपचारित रोगी-190, ज्वर रोगी-35, रक्त पटिट्का-35 तथा सर्वेक्षित घर-939 है तथा घर-घर जाकर 3519 व्यक्तियों को स्वास्थ्य षिक्षा के अन्तर्गत ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ के बारे में स्वास्थ्य दी गयी । स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 1574 षिविर आयोजित कर 26164 रोगियों का उपचार किया है। ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ की भी जानकारी के साथ ही स्वास्थ्य षिविरों में मलेरिया, डेंगू, टाईफाईड की जॉच की जा रही है। जहॉ पर डेंगू रोगी पाया जाता है उसके घर के आस-पास 50 घरों में पायरीथ्रम का स्प्रे किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 संजीव मांगलिक ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर आषा, आंगनबाड़ी एवं ए0एन0एम0 के द्वारा संचारी रोग के नियंत्रण के लिए ग्राम वासियों को जागरूक किया गया हैं। स्वास्थ्य षिविरों में सभी प्रकार के रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। ग्राम वासियों को जानकारी दी जा रही है कि अगर बुखार होता है तो तत्काल अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर अपना उपचार कराये तथा डेंगू,मलेरिया, चिकनगुनिया आदि रोगों की जॉच जिला चिकित्सालय सहारनपुर में मुफ्त की जा रही है तथा सभी को वैक्टर जनित रोगों के अर्न्तगत आने वाली बिमारियॉ जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, आदि से बचाव एवं रोकथाम के अन्तर्गत जानकारी दी गयी कि घर के अन्दर, बाहर व छतों पर टूटे बर्तनों, टायर, गमले, बोतल, आदि में पानी जमा न होने दें। कीटनाषक युक्त मच्छरदानी का ही प्रयोग करें। पानी के सभी बर्तन, टंकी इत्यादि को पूरी तरह ढक कर रखें। अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। पानी से भरे गढढों में मिटट्ी भर दे। बच्चों को पूरी आस्तीन कमीज व पेन्ट ही पहनाकर रखे। बुखार उतार के लिये पैरासिटामोल का इस्तेमाल करे। एस्प्रीन या आइब्रुफैन का इस्तेमाल न करे। अधिक बुखार मेें डाक्टर की सलाह ले । झोलाछाप डाक्टर से बचे। सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पषु व पक्षियों के पानी के बर्तनों, हौदी को सूखा कर ही पानी भरे, कार्य करने पर बल दिया। ग्राम वासियोंह व मोहल्ले वासियों को कहॉ गया कि अगर किसी के यहॉ एडिज का लार्वा पाया गया तो उनके नोटिस दिया जायेगा तथा तीन दिन बाद दौबारा स्वास्थ्य टीम द्वारा क्षेत्र का भ्रमण किया जायेगा। यदि दोबारा उनके यहॉ डेंगू का लार्वा मिलता है तो भारतीय दण्ड सहिता की धारा 188 के तहत पॉंच हजार रूपये तक का जुर्माना वसूल कर जनपद स्तर पर नगर निगम, ब्लॉक स्तर पर नगर पालिका, नगर पंचायत द्वारा कर जिला कोशागार में जमा किया जायेगा।
डेगू व मलेरिया से बचाव हेतु क्या करें –
रूके हुये पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दे यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद मिट्टी का तेल या डीजल उसमें डाल दें। घर में कूलर, गमले, छतो पर पडे पुराने टायर, पषु-पक्षियों के पीने के पात्र एवं निश्प्रयोज्य सामग्री तथा नारियल के खोल, प्लास्टिक की कप, बोतल आदि में जल एक़ि़त्रत न होने दे। सोते समय मच्छर दानी अथव मच्छर भगाने की क्रीम को प्रयोग करे। जहॉ तक सम्भव हो पूरी आसतीन की कमीज मोजे इत्यादि से षरीर को अधिक से अधिक हिस्से को ढक के रखे। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें, मलेरिया का षक होने पर नजदीकी के सरकारी अस्पताल में जॉच करायें ।
क्या न करंे –
घरों के आस-पास गन्दगी व कूडा एकत्र न होने दें। नालियों अथव गढडों में रूका हुआ पानी एकत्र न होने दें। यदि डेंगू व मलेरिया रोगी कोई है तो उसे बिना मच्छदानी के न रहने दें। अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करे जिसमें दरवाजे खिडकिया में जाली लगी हो।