बिहार चुनाव में अकेले उतरने की तैयारी में AAP, महागठबंधन से बनाई दूरी

बिहार चुनाव में अकेले उतरने की तैयारी में AAP, महागठबंधन से बनाई दूरी

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपने दम पर उतरने का ऐलान किया है। पार्टी न सिर्फ चुनाव में हिस्सा लेगी, बल्कि राज्य की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की योजना बना रही है।

बिहार में राजनीतिक ज़मीन तैयार करने के लिए AAP ने राज्य में सक्रिय प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विकास मॉडल को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए ‘केजरीवाल अभियान’ शुरू किया है, जिसकी अगुआई प्रदेश अध्यक्ष राकेश यादव कर रहे हैं। यह सात चरणों वाली यात्रा अप्रैल में शुरू हुई थी और अब तक राज्य के अधिकांश हिस्सों को कवर कर चुकी है।

पार्टी ने साफ कर दिया है कि उसका राजद, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। AAP ने हाल ही में संसद के विशेष सत्र की मांग को लेकर INDIA गठबंधन के साझा रुख से अलग हटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग से पत्र भेजा था। यह संकेत था कि पार्टी अब स्वतंत्र रणनीति अपनाने जा रही है।

बिहार में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। राज्य प्रभारी अजेश यादव ने बताया कि दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहारी प्रवासी रहते हैं, जिन्होंने राजधानी में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में AAP सरकार के काम को देखा है। उन्होंने कहा, “अब वही लोग चाहते हैं कि पार्टी बिहार में भी मौका ले।”

अजेश यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि गठबंधन को लेकर न तो राजद और कांग्रेस से कोई बातचीत चल रही है और न ही भविष्य में ऐसी कोई योजना है। उन्होंने कहा, “AAP की अपनी संगठनात्मक ताकत है और हम जनता के समर्थन पर भरोसा करते हैं। हमारी स्थानीय इकाई अकेले चुनाव लड़ना चाहती है।”

पार्टी का दावा है कि बिहार के हर जिले और विधानसभा क्षेत्र में उसकी संगठनात्मक इकाइयां पहले से मौजूद हैं और बूथ स्तर तक ढांचा खड़ा किया जा रहा है। दिल्ली में AAP की पूर्वांचली इकाई भी सक्रिय है और वह प्रवासी बिहारी मतदाताओं से अपील कर रही है कि वे अपने गांव-घर में AAP के कामकाज की जानकारी साझा करें।

AAP का यह कदम उस वक्त आया है जब भाजपा ने 22 मार्च को बिहार दिवस पर प्रवासी बिहारियों तक पहुंचने के लिए देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए थे। अब देखना यह है कि बिहार की सियासत में आम आदमी पार्टी को कितनी ज़मीन मिलती है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *