सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से मौजूदा कर्मचारियों की नहीं जाएगी नौकरी, सुविधाएं और बढ़ जाएंगी: सरकार

सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से मौजूदा कर्मचारियों की नहीं जाएगी नौकरी, सुविधाएं और बढ़ जाएंगी: सरकार

नई दिल्ली । सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से मौजूदा कर्मचारियों की नौकरी को कोई खतरा पैदा नहीं होगा न ही उनकी सुविधाओं में कोई कमी आएगी। केंद्र सरकार ने सोमवार इस तरह की आशंकाओं को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि विनिवेश के पश्चात आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों का रणनीतिक विनिवेश लाभकारी कारोबारी संस्थान पर आधारित है जिसमें केवल स्वामित्व बदलता है। इसलिए मौजूदा कर्मचारियों की नौकरी जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि इनके विनिवेश से व्यापार बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की सुविधाएं और बढ़ जाएंगी।

दरअसल, बसपा के सदस्य विशंभर प्रसाद निषाद ने प्रश्नकाल के दौरान केंद्र सरकार से सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण से वहां कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी और मौजूदा सुविधाओं को लेकर सवाल किया था। इस पर जवाब देते हुए ठाकुर ने कहा कि वे विशिष्ट मामलों के लिए शेयर खरीद करार में निर्धारित निबंधनों और शर्तों के अनुसार ही कंपनी के कर्मचारी बने रहेंगे। ठाकुर ने कहा कि विनिवेश को लेकर सरकार की नीति ‘‘स्पष्ट और पारदर्शी’’ है।

ठाकुर ने कहा कि परमणु ऊर्जा, परिवहन और दूरसंचार, ऊर्जा, पेट्रोलियम, अंतरिक्ष और रक्षा, कोयला और अन्य खनिज, बैंकिंग व वित्तीय सेवाएं रणनीतिक क्षेत्र में आते हैं जबकि अन्य गैर रणनीतिक क्षेत्र में आते हैं। निषाद ने सरकार से यह सवाल भी किया कि वर्ष 2014 में सरकार के गठन के बाद से कितने सार्वजिनक क्षेत्र के उपक्रम स्थापति किए और लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की विनिवेश नीति स्पष्ट और पारदर्शी है।