कांग्रेस में कलह! हरियाणा में हार के बाद हुड्डा पहुंचे दिल्ली, शैलजा ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावित जीत कैसे हार में बदल गई, इसे लेकर पार्टी में मंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे, आज दिल्ली पहुंच गए हैं। इस हार के बाद कांग्रेस के अंदर गुटबाजी भी तेज हो गई है। इस बीच, पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने बड़ा बयान दिया है। शैलजा ने कहा कि पार्टी अब यह विचार करेगी कि कहां चूक हुई और क्या सुधार किए जा सकते हैं।
गुटबाजी हुई उजागर
हरियाणा में मिली हार के बाद कांग्रेस के अंदर गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच पहले से चली आ रही मतभेद अब और भी स्पष्ट हो गई है। शैलजा ने अपने बयान में कहा, “हमने हरियाणा में एकजुट होकर चुनाव लड़ा, लेकिन अब समय आ गया है कि हमें गंभीरता से विचार करना होगा। जो कुछ हो रहा है, ऐसा अब आगे नहीं चलेगा।” उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को देखना चाहिए कि क्या गलत हुआ और कैसे इस हार से सीखा जा सकता है।
जीत के करीब पहुंचकर हारी कांग्रेस
हरियाणा चुनाव के दौरान कांग्रेस को जीत की उम्मीदें थीं, लेकिन अंतिम परिणाम उसके विपरीत आए। माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर गुटबाजी और सीट बंटवारे में गड़बड़ी इस हार की मुख्य वजह रही। इसके अलावा, जातिगत समीकरणों का गलत आकलन भी हार का कारण माना जा रहा है।
बीजेपी को मिली 48, कांग्रेस को 37 सीटें
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर सत्ता में अपनी पकड़ बरकरार रखी है, जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर ही सिमट गई। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को दो सीटें मिलीं, और निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटों पर जीत हासिल की। जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) को कोई सफलता नहीं मिली। चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस का मत प्रतिशत लगभग समान रहा, बीजेपी को 39.94 प्रतिशत और कांग्रेस को 39.09 प्रतिशत वोट मिले।