बावड़ी की खोदाई छठे दिन भी रही जारी, भद्रेश्वर तीर्थ और दो प्राचीन कुओं के लिए गए सैंपल

डीएम ने राज्य पुरातत्व निदेशालय और एएसआई से ऐतिहासिक स्थलों की प्राचीनता के बारे में रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इसके लिए 19 दिसंबर को एएसआई और 20 व 21 दिसंबर को निदेशालय की टीम दौरा कर चुकी है। अब 25 दिसंबर से दोनों की संयुक्त टीम सक्रिय है। चार सदस्यीय इस टीम में दो विशेषज्ञ एएसआइ के हैं। हौज भदेसराय तालाब में कुछ दिन पहले कुछ दीवार सी दिखाई दी। इसका पानी निकाला गया, तो प्राचीन दीवार निकली। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह भद्रेश्वर तीर्थ की दीवार है।
वहीं, गुरुवार को संयुक्त टीम भी हौज भदेसराय पहुंची। टीम ने तीर्थ की दीवारों का गहराई से अध्ययन किया और संरचना की मजबूती को आंकने के लिए नाप-जोख की। इसके अलावा दीवार से नमूने भी एकत्रित किए गए। इसके बाद टीम आलम सराय स्थित प्राचीन चतुर्मुख कूप पहुंची। टीम ने कूप की संरचना, उसके निर्माण में उपयोग की गई सामग्री और उसकी स्थिति का आकलन किया। इसके अलावा हल्लू सराय में अशोक कूप का भी जायजा लिया गया।
इधर, पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी के पास चोर कुएं के बराबर एक टीले की भी खोदाई कराई गई। बताया गया था कि वहां कुआं हैं। लेकिन, काफी खोदाई करने के बाद कुआं नहीं मिलने पर काम रोक दिया गया। डीएम ने बताया कि पृथ्वीराज चौहान का संभल से जुड़ाव रहा है। उनसे जुड़े सभी स्मारकों का भी जीर्णोद्वार कराया जाएगा। जिला प्रशासन की चेतावनी के बाद फिरोजपुर स्थित किले के आसपास लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया है।