दारुल उलूम में प्रवेश लेना हुआ मुश्किल, प्रबंध तंत्र ने नियम किए सख्त
- प्रवेश के समय दिए गये दस्तावेजों का खुफिया विभाग करेगा सत्यापन, गलत मिलने पर होगी कार्रवाई
देवबंद [24CN]: इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम प्रबंधतंत्र ने इस वर्ष नए छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया में कई तरह के बदलाव करने के साथ ही इसके लिए नियमों को भी सख्त किया है। अब जरुरी दस्तावेज होने पर ही प्रवेश मिलेगा। साथ ही सत्यापन कराने के लिए प्रवेश के समय दिए गए सभी दस्तावेज स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) को दिए जाएंगे।
देश की वर्तमान परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए दारुल उलूम ने प्रवेश नियमों को कड़ा कर दिया है। बुधवार को संस्था के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि संस्था की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने से पूर्व नवीन छात्रों को पहले के मदरसे का प्रमाण पत्र, वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की मार्कशीट साथ लानी होगी। अपने साथ ही पिता के आधार कार्ड की छायाप्रति जमा कराने के साथ ही उनका मोबाइल नंबर भी देना होगा। जबकि सीमावर्ती राज्य पश्चिम बंगाल, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, असम और त्रिपुरा आदि के छात्रों को मूल निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र देना होगा। मौलाना मद्रासी ने कहा कि जो छात्र सभी जरुरी दस्तावेज उपलब्ध कराएगा उसी को संस्था में प्रवेश दिया जाएगा। वहीं, शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी ने कहा कि छात्र जो दस्तावेज संस्था में जमा कराएंगे उनकी जांच खुफिया विभाग से कराए जाएगी। गलत पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बता दें कि दारुल उलूम में ईद-उल-फितर के त्योहार के दो दिन बाद नए छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया को शुरु कर दिया जाता है।
