डायबिटीज के मरीज जरूर खाएं ये दाल, ब्लड शुगर रहता है कंट्रोल
डायबिटीज की बामारी के दौरान खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। अगर इस स्थिति का इलाज न किया जाए या इसे नजरअंदाज कर दिया जाए तो डायबिटीज की स्थिति अनियंत्रित और घातक रूप ले सकती है। यहां तक मधुमेह के मरीजों में ह्रदय विकारों और स्ट्रोक का खतरा दो से चार गुना ज्यादा होता है।
हालांकि, डायट की मदद से काफी हद तक मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें दालें, फैट-फ्री डेयरी उत्पाद भी शामिल हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि मधुमेह मरीजों के लिए दाल क्यों फायदेमंद है।
मधुमेह में दाल खाने के फायदे
दालों को पौष्टिक आहार में शामिल किया गया है। इनमें पोषण की मात्रा ज्यादा और फैट कम होता है। मधमेह रोगियों को दाल खाने से कई लाभ मिल सकते हैं, जैसे कि :
- दालों में घुलनशील और अघुलनशील डायट्री फाइबर होते हैं। घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है जबकि अघुलनशील फाइबर मल त्याग की क्रिया को ठीक रखता है और कब्ज से बचाता है।
- दालों में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है जिनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। ये प्रोटीन से भी युक्त होत है जिससे खून में ग्लूकोज का टूटना धीमा हो जाता है।
- मधुमेह के मरीजों 55 जीआई यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स से नीचे वाली चीजें खानी चाहिए। आइए जानते हैं कि किन दालों में जीआई 55 या इससे कम होता है।
चना दाल
चना दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 8 से कम होता है। इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन के साथ-साथ फोलिक एसिड भी होता है जो कि नई कोशिकाओं खासतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
डायबीटीज फ्रेंडली ड्रिंक्स कौन सी है, जानें
राजमा
भारतीय आहार में राजमा खूब खाया जाता है। इसका जीआई लेवल 19 होता है और ये आंखों एवं स्किन के लिए फायदेमंद माना जाता है। राजमा फाइबर से युक्त होता है और ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी मदद करता है।
मूंग दाल
सेहत के लिए सबसे फायदेमंद दालों में मूंग दाल का भी नाम आता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 38 है। गर्भवती महिलाओं के लिए मूंग दाल बहुत फायदेमंद होती है और ये ह्रदय को भी सुरक्षित रखती है।
उड़द दाल
उड़द की दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 43 होता है। ये प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इससे त्वचा भी स्वस्थ रहती है। मधुमेह रोगियों को अपने आहार में उड़द की दाल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
छोले
छोले का जीआई लेवल 33 होता है। ये प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ कई तरह के विटामिन और खनिज पदार्थों से युक्त होते हैं। डायबिटीज के मरीज भी बिना किसी चिंता के छोले खा सकते हैं।
इनके अलावा डायबिटीज के मरीज तुअर दाल, लोभिया, सोयाबीन, साबुत मसूर की दाल, काले चने आदि भी खा सकते हैं। इन सबका जीआई लेवल भी कम होता है।
अगर आपको डायबिटीज है या आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो अपने आहार में दालों को ज्यादा जगह देना शुरू कर दें। ये शुगर लेवल को संतुलित रखने के साथ-साथ आपकी सेहत को और भी कई फायदे पहुंचाएंगीं।