धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा मंत्री के रूप में संभाला कार्यभार, कही ये बात

धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा मंत्री के रूप में संभाला कार्यभार, कही ये बात
  • शिक्षा मंत्रालय में तीन राज्यमंत्री नियुक्त किए जाने से उनके बैठने का संकट पैदा हो गया है. यह पहला मौका है जब इस महकमे में तीन राज्यमंत्री नियुक्त किए गए हैं. हालांकि पिछली एनडीए सरकार में दो राज्यमंत्री नियुक्त हुए थे.

नई दिल्ली: भारत के नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्रालय का विधिवत कार्यभार शुक्रवार को संभाल लिया. वह मंत्रालय का कार्यभार संभालने के पहले ही गुरुवार को मंत्रालय में काम शुरू कर दिया था. वह मंत्रालय गए और उच्च अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद सीधे वीडियो कांफ्रेसिंग रुम में गए और एक कार्यक्रम में शामिल हुए. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईआईटी निदेशकों को संबोधित कर रहे थे जिसमें धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे थे. हालांकि गुरुवार को धर्मेंद्र प्रधान अपने दूसरे विभाग कौशल विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया था.

शिक्षा मंत्रालय में तीन राज्यमंत्री नियुक्त किए जाने से उनके बैठने का संकट पैदा हो गया है. यह पहला मौका है जब इस महकमे में तीन राज्यमंत्री नियुक्त किए गए हैं. हालांकि पिछली एनडीए सरकार में दो राज्यमंत्री नियुक्त हुए थे. तब भी यह समस्या पैदा हुई थी, लेकिन इस बार स्थिति और विकट हो गई है.

धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम से शिक्षा मंत्रालय भेजा गया है. जबकि उनके सहयोग के लिए तीन राज्यमंत्री नियुक्त किए गए हैं. इनमें राजकुमार रंजन सिंह, सुभाष सरकार और अन्नापूर्णा देवी शामिल हैं. मौजूदा समय में शिक्षा मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के अलावा एक राज्यमंत्री का ही ऑफिस तैयार है.

सूत्रों के अनुसार, दो मंत्रियों को अभी ऑफिस के लिए इंतजार करना पड़ सकता है. इनमें से एक ऑफिस कुछ दिनों में तैयार हो सकता है. क्योंकि पिछली एनडीए सरकार में जब दो राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा एवं महेन्द्र नाथ पांडेय नियुक्त किए गए थे तो महेन्द्र पांडेय के लिए शास्त्री भवन में पहली मंजिल पर कैंटीन की जगह पर ऑफिस तैयार किया गया था.

यह ऑफिस पिछले दो साल से बंद पड़ा है और इसे जल्द ही रंग रोगन कर दुरुस्त किया जा सकता है. लेकिन इसके बाद एक और मंत्री के लिए ऑफिस तैयार करना होगा. यह इसमें कई महीने लग सकते हैं.

नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सामने चुनौतियां

जेईई, नीट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संपन्न कराने की है. जेईई की तिथियों का ऐलान हो चुका है लेकिन नीट की तिथि अभी घोषित की जानी है. स्कूल-कालेजों को दोबारा खोलकर उन्हें सामान्य स्थिति में लाने की होती है. यह तभी संभव होगा जब कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी. अगर स्कूल नहीं खुले तो बड़ी चुनौती ऑनलाइन के जरिये शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की होगी. नई शिक्षा नीति का सही ढंग से क्रियान्वयन करना.


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