सनातन की मजबूत नींव पर आकार ले रहा विकसित भारत : योगी आदित्यनाथ

सनातन की मजबूत नींव पर आकार ले रहा विकसित भारत : योगी आदित्यनाथ

New Delhi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज के 87वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लिया। योगी ने इस दौरान अयोध्या के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की मजबूत नींव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का संकल्प साकार हो रहा है तथा ‘डबल इंजन’ की सरकार के प्रयासों से अयोध्या में त्रेतायुगीन वैभव की वापसी हो रही है। एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन अत्यंत अभिभूत करने वाला और आनंदमयी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे पूज्य महंत नृत्यगोपाल दास जी के जन्मदिवस समारोह में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि पूज्य संतों की दिव्य साधना और आशीर्वाद के कारण ही भारत नए भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिना रुके और डिगे विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री ने राम मंदिर आंदोलन और प्राण प्रतिष्ठा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद गत वर्ष 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई और आज रामदरबार एवं राम मंदिर में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य भी पूर्ण हुआ है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण सनातन धर्म की मजबूत नींव का प्रतीक है। उन्होंने काशी, महाकाल, केदारपुरी और सोमनाथ मंदिरों के सौंदर्यीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि इन मंदिरों पर सनातन धर्म की मजबूत नींव टिकी है।

इस नींव पर मजबूत और भव्य भारत का निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री ने मणिरामदास छावनी के गौरवशाली इतिहास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 18वीं सदी से 21वीं सदी तक, इस छावनी की 300 वर्षों की कठोर साधना का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि साक्षात माता जानकी ने इस परंपरा के संत को दर्शन दिए, जिसके कारण यह परंपरा फली-फूली। उन्होंने कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास के नेतृत्व में राम जन्मभूमि आंदोलन को सफलता मिली और आज अयोध्या विश्व की सुंदरतम नगरी के रूप में विकसित हो रही है।

मुख्यमंत्री ने ‘डबल इंजन’ सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अयोध्या में त्रेतायुगीन वैभव की वापसी हो रही है तथा रामायण में वर्णित चौड़ी सड़कों और बाग-उपवनों वाली अयोध्या आज साकार हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले अयोध्या में रामभक्तों पर गोलियां चलती थीं, लेकिन आज श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत होता है। उन्होंने अयोध्या के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि आज सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि राम की पैड़ी पर पहले काई जमी होती थी, लेकिन अब सरयू का जल स्वच्छ रहता है, पांच लाख श्रद्धालु एक साथ राम की पैड़ी में स्नान कर सकते हैं, नया घाट से गुप्तार घाट तक घाटों की नयी शृंखला स्थापित हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज ही के दिन महाराज भगीरथ की तपस्या के फलस्वरूप देवनदी गंगा धराधाम पर अवतरित हुई थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘मां गंगा हमारी मुक्ति और भुक्ति का कारक हैं।’’ उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि अयोध्या में सरयू के जल को स्वच्छ रखने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने अयोध्या के आधुनिक विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन चुका है, माता शबरी के नाम पर भोजनालय, निषादराज के नाम पर यात्री विश्रामालय और महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र एवं तुलसीदास के मंदिरों का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि परिसर में सभी दिव्य विभूतियों के विग्रह स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने गिद्धराज जटायू की भव्य मूर्ति की स्थापना का उल्लेख करते हुए कहा कि खानपान और पर्यावरणीय बदलाव के कारण गिद्धों की प्रजातियां समाप्त हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गिद्ध मानवता के लिए उपकारी हैं। माता सीता के अपहरण के समय जटायू ने रावण से लोहा लिया था। इसीलिए राम जन्मभूमि पर उनकी भव्य मूर्ति स्थापित की गई है।’’ उन्होंने गोरखपुर में जटायू संरक्षण केंद्र की स्थापना का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी के सौंदर्यीकरण और हनुमत मंडपम के निर्माण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ी आज भव्य रूप ले चुकी है, इसके लिए मंदिर से जुड़े ‘‘सभी संतों का विशेष आभार’’। उन्होंने कहा कि पूज्य संतों के आशीर्वाद से अयोध्या में आने वाले सभी श्रद्धालु अपनी धार्मिक पिपासा को शांत कर रहे हैं।


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