दबनचेंग। शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों व अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए चीन ने 240 हिरासत केंद्र बना रखे हैं। अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद उसने यहां ऐसे केंद्रों की संख्या में कोई कमी नहीं की है। कुछ हिरासत केंद्रों में नई इमारत बन रही हैं।

दबनचेंग में ऐसे ही एक हिरासत केंद्र के संबंध में समाचार एजेंसी एपी के इस संवाददाता ने जाकर तहकीकात की। यह हिरासत केंद्र 220 एकड़ में फैला हुआ था। इस स्थान पर उइगर मुस्लिमों को रखा गया है। इन कैदियों को एक ब्लैक एंड व्हाइट टीवी के जरिये चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास की जानकारी दी जा रही थी। हालांकि यहां चीनी अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि ऐसे कितने हिरासत केंद्र चल रहे हैं। लेकिन तहकीकात में यह जानकारी मिली कि 240 ऐसे केंद्र कार्य कर रहे हैं। इस हिरासत केंद्र में ही लगभग दस हजार उइगर मुस्लिम थे। इस जगह को देखकर लगता है कि चीन का इरादा ऐसे हिरासत केंद्रों को कतई बंद करना नहीं है। यही नहीं यहां पर नई इमारत बनाई जा रही हैं। चीन का तर्क रहता है कि ये हिरासत केंद्र आतंकवाद से लड़ाई लड़ने के लिए बनाए गए हैं। कई केंद्रों को व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताया जाता है।

शिनजियांग के इन हिरासत केंद्रों के बारे में लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई जा रही है। शोधकर्ताओं का मानना है कि विदेश यात्रा करने या धार्मिक समारोह में शरीक होने पर भी सजा देकर उन्हें यहां बंद कर दिया जाता है। कोलोराडो विश्वविद्यालय में उइगरों पर अध्ययन करने वाले मानवविज्ञानी डेरेन बायलर कहते हैं कि ऐसे सैकड़ों लोग हैं, जो बिना अपराध के ही इन हिरासत केंद्रों में बंद कर दिए गए हैं और यातना का शिकार हो रहे हैं।