मंत्री गिरिराज के बयान पर भड़के देवबंदी उलमा, बोले- उन्हें नहीं इतिहास की जानकारी, माफी मांगें
देवबंद को आतंकवाद की गंगोत्री बताने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान को उलमा ने शर्मनाक बताया है। उनका कहना है कि गिरिराज सिंह को शायद इतिहास की जानकारी नहीं है। उन्हें पता होना चाहिए कि देवबंद वह पाक जगह है, जहां से आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व आलिम-ए-दीन कारी इसहाक गोरा ने कहा कि गिरिराज सिंह को दिल्ली चुनाव के नतीजों से सबक लेना चाहिए। उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को पढ़ना चाहिए। अंग्रेजों ने जब 1857 की क्रांति को कुचल दिया था, तो मौलाना महमूद-उल-हसन के संगठन रेशमी रुमाल तहरीक ने आजादी के आंदोलन को नई ऊर्जा दी थी। माल्टा की जेल से मौलाना हुसैन अहमद मदनी ने कहा था कि ‘मजहब कौम की बुनियाद नहीं हो सकता’। इस बयान ने स्वतंत्रता सेनानियों में नया जोश भरने का काम किया था। उन्होंने कहा कि देवबंद के बुजुर्गों और उलमा पर आतंकवाद का इल्जाम लगाना तथ्यों से परे और बचकाना है। जिन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों की मदद की थी, उनके मुंह से यह बयान शोभा नहीं देता।
इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि गिरिराज सिंह का बयान दिल्ली में हुई करारी हार की बौखलाहट है। भाजपा के नेता और मंत्री हमेशा से मुल्क में नफरत का जहर घोलने का काम करते रहे हैं। देवबंद की पाक जमीन को बदनाम करने से पहले वह यहां के इतिहास को पढ़ लें। शायद फिर उन्हें अपने बयान पर शर्मिंदगी महसूस हो। मुफ्ती असद ने कहा कि गिरिराज का बयान बेहद शर्मनाक हैं। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।