देवबंद: गलत कमाई से इफ्तार करने पर नहीं कुबूल होता रोजा, इन नंबरों पर पूछे सवाल
जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने हेल्प लाइन पर रोजेदारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रमजान सब्र का महीना है और सब्र का बदला जन्नत है। रोजा रखकर अगर कोई व्यक्ति गलत कमाई के पैसे से इफ्तार करता है, तो उसका रोजा अल्लाह की बारगाह में कुबूल नहीं होता है।
सवाल : मोहल्ला नूर बस्ती निवासी हाजी मुनव्वर ने पूछा कि रमजान के आखिरी दस दिन में शब-ए-कदर की रातें कौन- कौन सी होती हैं। हमें यह रातें कैसे गुजारनी चाहिए।
जवाब : शब-ए-कदर रमजान के आखिरी अशरा में आने वाली बड़ी मुबारक रातें हैं। इनमें 21, 23, 25, 27 और 29वीं शब में पूरी रात अल्लाह की इबादत में गुजारकर अपने गुनाहों की माफी मांगे। इसके साथ ही परिवार, दोस्त व देश की खुशहाली एवं तरक्की के लिए दुआ करें।
सवाल : महाराष्ट्र के पुणे से फरीदा खान ने पूछा कि वह मूलरूप से दिल्ली निवासी हैं और पुणे में नौकरी करती हैं। उनके पांच बच्चें हैं। हर वर्ष अपने माता-पिता को ही फितराना भेजती हैं। माता-पिता का खर्च भी उठाती हैं। क्या शरीयत के अनुसार वह अपने माता-पिता को जकात और सदका-ए-फितर दे सकती है।
जवाब : शरीयत के मुताबिक जिन पर खर्च करना वाजिब हो, जैसे माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, बेटा-बेटी, पत्नी आदि को जकात या सदका-ए-फितर देना जायज नहीं है।
इन नंबरों पर पूछे सवाल
रोजेदार फोन नंबर 09897399207, 9557757705, 9368399214 पर दोपहर 12:00 से 3:00 बजे तक कॉल और व्हाट्सएप कर सवाल पूछ सकते हैं।