नई दिल्ली। मच्छर जनित बीमारी डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कहर ढाने के बाद इस बीमारी ने कई अन्य राज्यों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। दिल्ली सरकार ने तो चिकनगुनिया व मलेरिया के साथ डेंगू को भी महामारी एक्ट के तहत अधिसूचित रोग घोषित कर दिया है। दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की तरफ से जारी अधिसूचना के तहत अब सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को कोरोना और टीबी की तरह ही डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के हर मरीज की जानकारी नोडल सिविक एजेंसी को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इससे प्रभावित इलाकों में बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे।

महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी को इस संबंध में सभी सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रभारी ही सभी सिविक एजेंसियों के बीच समन्वय का काम करेंगे। सिविक एजेंसियों की जिम्मेदारी होगी कि वे मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए कहीं पानी जमा न होने दें और साफ-सफाई सुनिश्चित कराएं। नए मकान में मच्छरों को रोकने की व्यवस्था जरूरी नए मकान में मच्छररोधी प्रणाली आवश्यक कर दी गई है। यदि किसी नए सरकारी व निजी भवन में मच्छरों को रोकने की व्यवस्था नहीं की गई है तो उसका कब्जा नहीं मिलेगा। कब्जा लेने के लिए अब संबंधित सिविक एजेंसी से प्रमाण पत्र लेना होगा। कई अन्य सख्त प्रविधान किए गए हैं।

राजस्थान में बढ़े मरीज

राजस्थान में छह हजार से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। पिछले तीन दिन में ही एक हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। दो दिन पहले 29 अक्टूबर को एक दिन में 593 डेंगू के मरीज मिले थे। राज्य में 35 लोगों की मौत की बात सामने आई है। हालांकि सरकार मौतों की संख्या 23 ही बात रही है। राज्य के चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा ने ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं। घर-घर सर्वे का काम तेज किया गया है। सर्वाधिक 1900 मरीज जयपुर जिले में मिले हैं।

पंजाब में अब तक 61 की मौत

पंजाब में स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या 16 हजार को पार कर गई है, जबकि 61 लोगों की जान जा चुकी है। 12 हजार केस सिर्फ तीस दिन के अंदर ही आए हैं। इससे पहले एक साल में सबसे अधिक मामले 2017 में दर्ज किए गए थे। तब 15, 398 लोग संक्रमित हुए थे और 18 लोगों की मौत हुई थी। मोहाली सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां 2,457 मरीज मिले हैं और 31 मौते हुई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि पंजाब सरकार को स्थिति की गंभीरता समझनी चाहिए। इस प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपाय करने चाहिए। त्योहारों को देखते हुए अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है।