87वें दिन पहुंचा धरना-प्रदर्शन, संयुक्त किसान मोर्चा आज तय करेगा आंदोलन की अगली रणनीति

नई दिल्ली : तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर सिंघु, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर पर चल रहा किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर जारी किसानों का धरना प्रदर्शन शनिवार को 87वें दिन में प्रवेश कर गया। हालात इस ओर इशारा नहीं करते कि आंदोलन जल्द खत्म हो सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि पिछले साल चले शाहीन बाग आंदोलन से ज्यादा दिनों तक चलेगा। बता दें कि राष्ट्रीय नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ शाहीन बाग का आंदोलन 90 दिनों तक चला था।
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की अगली रणनीति की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए शनिवार को पहले पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक बुलाई गई है और दोपहर बाद संयुक्त मोर्चा की बैठक होगी। इस बीच मोर्चा ने 23 फरवरी को शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की याद में पगड़ी संभाल दिवस मनाने का ऐलान किया है।
दरअसल, 26 जनवरी की घटना के बाद से सरकार के बाद किसानों का संवाद पूरी तरह से टूट चुका है। सरकार कह रही है कि किसान जब चाहे वार्ता के लिए आ सकते हैं, जबकि किसान नेता वार्ता के न्यौता का इंतजार कर रहे हैं। सरकार पर वार्ता का दबाव बनाने के लिए एक दिन पहले आंदाेलनकारियों ने रेल चक्का जाम भी किया था। किसान नेताओं को उम्मीद थी कि इससे सरकार उन्हें वार्ता के लिए बुलाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसे देखते हुए अब संयुक्त मोर्चा आंदोलन की आगामी रणनीति के लिए बैठक करेगी।
शनिवार को पंजाब की सभी 32 जत्थेबंदियाें की पहले बैठक होगी, इसके बाद संयुक्त मोर्चा की बैठक करके इसमें सारी बातें रखी जाएंगी। इसके अलावा शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन किया। साथ ही उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में रहस्यमय ढंग से हुई मौत एवं एक की हालत नाजुक होने को लेकर पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और मामले की जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग उठाई।