राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने पर अड़े जेएनयू छात्रों पर लाठीचार्ज, वीसी को हटाने की मांग
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में हुई हिंसा के विरोध में बृहस्पतिवार को छात्रसंघ और शिक्षक संघ ने मंडी हाउस से मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक ‘वीसी हटाओ-जेएनयू बचाओ’ मार्च निकाला।
छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष और वाम नेताओं का विरोध मार्च मंत्रालय तक तो शांतिपूर्वक पहुंचा। मंत्रालय में हुई छात्रसंघ व शिक्षक संघ की बैठक में वाइस चांसलर को हटाने की मांग न मानने पर गुस्साए छात्रों ने राष्ट्रपति भवन कूच का आह्वान किया।
छात्र संघ नेता आईशी घोष ने कहा, हम राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करेंगे। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए कई छात्रों को हिरासत में ले लिया। इसके चलते एक छात्र का सिर फट गया, जबकि कई घायल हुए।
हंगामे मे आईपीएस अफसर इंगित प्रताप सिंह को भी चोट आई। एक महिला ने उनका अंगूठा चबा लिया। वहीं चौथे दिन भी पुलिस रविवार को जेएनयू परिसर में हुई हिंसा के किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई।
मंडी हाउस से दोपहर करीब पौने एक बजे जेएनयू के पूर्व छात्र व वरिष्ठ वामपंथी नेता वृंदा करात, सीताराम येचुरी, डी राजा व जेएनयू शिक्षकों की अध्यक्षता में फैज अहमद फैज की कविता ‘हम देखेंगे…’ से मार्च शास्त्री भवन के लिए निकला।
जेएनयू के छात्र एक घंटा देरी से फिरोजशाह रोड पर मार्च में शामिल हुए। छात्रों का आरोप था कि पुलिस ने उन्हें कैंपस के बाहर रोक दिया। इसके बाद एबीवीपी के नकाबपोश गुंडों पर प्रतिबंध लगाने और हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने की मांग को दर्शाते पोस्टर के साथ ढपली पर वीसी को हटाने की मांग गूंजती रही।
प्रदर्शन में डीयू, जामिया, अंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्र व शिक्षकों के अलावा शिक्षाविद, वामपंथी छात्र संगठन, एनएसयूआई, केवाईएस, सांगवारी सांस्कृतिक ग्रुप समेत अन्य लोग शामिल रहे।
शाम को प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों छात्र राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने लगे। इस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस की लाठीचार्ज से छात्रों में भगदड़ मच गई।
इस भगदड़ में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि सैकड़ों छात्रों को बस में भर कर मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया, जहां से देर रात उन्हें रिहा कर दिया गया।