राजकीय विश्वविद्यालय का नाम गुर्जर समाज के महापुरूष के नाम पर रखे जाने की मांग

सहारनपुर [24CN]। गुर्जर आर्मी की बैठक में सहारनपुर में प्रस्तावित राजकीय विश्वविद्यालय का नामकरण राजा विजयसिंह के नाम पर रखे जाने की मांग की गई। दिल्ली रोड स्थित एक प्रतिष्ठान पर आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए गुर्जर आर्मी के संस्थापक अध्यक्ष चौ. वीरेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि सहारनपुर गजेटियर के अनुसार 1822-24 की प्रथम क्रांति के नायक राजा विजय सिंह थे जिन्होंने जनता के अंदर अंग्रेजों के प्रति आक्रोश पैदा कर दिया था। इस क्रांति के फलस्वरूप बढ़ते जनाक्रोश ने 1857 में 10 मई को कोतवाल धनसिंह गुर्जर के नेतृत्व में विकराल रूप ले लिया था जिसमें जनपद सहारनपुर से राजा उमराव सिंह मानकपुर, फतवा गुर्जर गंगोह ने देश की आजादी में अपना बलिदान दिया था।

उन्होंने कहा कि मुगल काल में सहारनपुर की ओर बढ़ रहे तैमूर लंग को रोकने के लिए जोगराज पंवार के नेतृत्व में विशाल सेना का गठन किया गया था जिसमें रामप्यारी गुर्जरी ने 40 हजार महिलाओं की सेना बनाकर तैमूर लंग को भागने को मजबूर कर दिया था तथा सनातन संस्कृति को बचाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज ने विगत 31 अक्टूबर को स्व. रामशरण दास गुर्जर चौक पर लौहपुरूष स. वल्लभभाई पटेल समेत गुर्जर समाज के महापुरूषों के पोस्टर लगाकर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में स. पटेल की जयंती मनाने का काम किया गया था परंतु कुछ कट्टरपंथियों ने महापुरूषों के अपमान की नीयत से प्रशासन पर पोस्टर उतारने का दबाव बनाया। प्रशासन ने कट्टरपंथियों के दबाव में आकर महापुरूषों के पोस्टर फाड़ दिए।

उन्होंने कहा कि 23 दिसम्बर को मुख्यमंत्री के आगमन पर गुर्जर समाज का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात कर सहारनपुर में बन रहे विश्वविद्यालय का नाम गुर्जर समाज के किसी एक महापुरूष के नाम पर करने का काम करेगा तथा स्व. रामशरण दास गुर्जर चौक हसनपुर दिल्ली रोड पर महापुरूषों के चित्र व पोस्टर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों को जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने गम्भीरता से नहीं लिया तो जनपद में विशाल महापंचायत आयोजित कर आगामी रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में गुर्जर आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौ. राजपाल सिंह, महासचिव संदीप गुर्जर, संगठन मंत्री अंकुर रादौर, राष्ट्रीय प्रचारक रामानुज पटेल, विक्रम सिंह, सुशील, जोनी हिम्मतनगर आदि मौजूद रहे।