एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून बनाने की मांग

सहारनपुर। भारतीय किसान यूनियन पथिक की मासिक बैठक में केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार पर किसानों के साथ वायदाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए एमएसपी, न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किए जाने की मांग की गई।

सहारनपुर तहसील परिसर में आयोजित भाकियू पथिक की बैठक को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज चौधरी ने कहा कि केंद व उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों की कथनी व करनी में अंतर है। भाजपा सरकार ने किसानों से वायदा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, लेकिन 2022 बीतने के बावजूद किसानों की आय दोगुनी होने की बजाए आधी हो गई है क्योंकि आवारा पशुओं ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया तथा बजाज शुगर मिल किसानों का करोड़ों रूपए गन्ना मूल्य व ब्याज भुगतान दबाए बैठी है। इस कारण किसान अपने बच्चों को एडमिशन नहीं करा पा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत बहुत खराब है।

उन्होंने कहा कि जब तक एमएसएपी व न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू नहीं होता तब तक किसानों का भला होने वाला नहीं है। जिलाध्यक्ष सोमवीर राणा ने कहा कि बेहट क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन खुलेआम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों पर रोक नहीं लगाई गई तो भाकियू पथिक आंदोलन का बिगुल बजाने को बाध्य होगी। बैठक में जोनी मुखिया, राजा सैनी, मांगेराम शर्मा, सुनील राणा, आर्यमन राणा, शुभम राणा, तकी चौधरी, धीरेंद्र, सोनू, गुलशन, आजाद, भानू प्रताप राणा, अनूप सिंह, प्रीतम सिंह आदि किसान मौजूद रहे।