भगवान वाल्मीकि के नाम पर प्रदेश में विश्वविद्यालय बनाने की मांग
- सहारनपुर में भाजपा प्रदेश मंत्री को ज्ञापन सौंपता भावाधस का प्रतिनिधिमंडल।
सहारनपुर। भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज ने भगवान वाल्मीकि के नाम पर उत्तर प्रदेश में विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग की। आज वाल्मीकि समाज का प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रीय संचालक अजय बिरला की अगुवाई सर्किट हाऊस पहुंचा जहां उन्होंने विभिन्न समस्याओं से सम्बंधित 20 सूत्रीय ज्ञापन भाजपा के प्रदेश मंत्री अमित कुमार एवं भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री प्रदीप चैहान को सौंपा। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि नगर निगम सहारनपुर में लगे सीएलसी सफाई कर्मचारियों को साप्ताहिक रेस्ट दिया जाए।
इस सम्बन्ध में मेयर को लिखित में दिया गया था लेकिन कोई भी संज्ञान नहीं लिया। समान काम समान वेतन के आधार पर सेलरी दी जाए और सीएलसी कर्मचारियों के लिए प्राईवेट हास्पिटल नियुक्त किया जाए। सीएलसी कम्पनी कर्मचारी की बीमा राशि मृत्यु उपरांत कम से कम 50 लाख रुपए राशि मृतक आश्रित को दी जाए, मृत्यु उपरांत कर्मचारी के बच्चे को अनुकम्पा के आधार पर शिक्षा के अनुसार नौकरी दी जाए, वार्ड नं 33 में पूरे जिला सहारनपुर में वाल्मीकि समाज का एक मात्र शमशान घाट हैं जिस पर शेड, चारदीवारी, नल, सोलर लाइट और बैंच के लिए नगर निगम में पत्र दिया गया था लेकिन कोई भी संज्ञान नहीं लिया। बरसात में शवदाह के लिए काफी समस्या उत्पन्न होती है।
उन्होंने कहा कि गांव घोघरे जिला सहारनपुर में वर्षों से भगवान वाल्मीकि जी का मन्दिर स्थापित है। मन्दिर प्रांगण की जमीन पर कुछ भू-माफिया कब्जा करना चाहते हैं। इसकी शिकायत उप जिलाधिकारी सहारनपुर को दी थी लेकिन जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दी गई। शिवा नाम के एक व्यक्ति ने भगवान वाल्मीकि जी और पूरे वाल्मीकि समाज को अपने चैनल के माध्यम से अभद्र टिप्पणी की।
गौरव चैहान जिला अध्यक्ष भावाधस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई लेकिन जांच के नाम पर पुलिस अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दी गई। उन्होंने कहा कि जनपद सहारनपुर में वाल्मीकि समाज के बच्चों के लिए एक छात्रावास उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनवाया जाए। खाता खेड़ी सहारनपुर में एक कालोनी का नाम भंगी कालोनी है जो कि जातिसूचक की ओर इंगित करती है उस कालोनी का नाम दलित महापुरुषों के नाम पर किया जाए। पुलिस चैकी माली गेट से लेकर बेहट अड्डे तक भगवान वाल्मीकि मार्ग के नाम से जाना जाता है, वहां पर पुन: बोर्ड लगाया जाए। प्रतिनिधि मंडल में प्रवीण सौदाई, डॉ दिनेश कल्याण, गौरव पुहाल, गौरव चैहान प्रमुख रूप से शामिल रहे।