शोकसभा में उठाई मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग

- सहारनपुर में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को श्रद्धासुमन अर्पित करते कार्यकर्ता।
सहारनपुर [24CN]। समाजवादी पार्टी के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर आयोजित शोकसभा में कार्यकर्ताओं ने उन्हें किसान, मजदूर, शोषित व गरीब वर्ग का मसीहा बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की।
इस दौरान उन्होंने सपा को बूथ स्तर तक मजबूत बनाकर, मुलायम सिंह यादव के मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया। स्थानीय अंबाला रोड स्थित सपा जिला कार्यालय पर पूर्व महानगर अध्यक्ष फैसल सलमानी द्वारा आयोजित जिलाध्यक्ष डॉ. रागिब अंजुम व वरिष्ठ नेता सरफराज खान ने शोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव केवल एक राजनेता ही नहीं ब्लकि एक विचारधारा थे जिसका लक्ष्य गरीब किसान मजदूर शोषित वंचित वर्ग को उनके अधिकार, दिलाकर उनका उत्थान करना था। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव अपनी नीतियां के बल पर लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।
पूर्व प्रदेस सचिव चौधरी बख्तावर सिंह, मजाहीर राणा व मांगेराम कश्यप ने कहा कि धरती, पुत्र मुलायम सिंह यादव ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू कराकर पिछड़े वर्ग के उत्थान की दिशा में एक एतिहासिक कार्य किया था। पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन तेज सिंह, जिला उपाध्यक्ष हसीन कुरेशी व जिला पंचायत सदस्य ममता चौधरी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने, अपने मुख्यमंत्रित्व काल में किसानों, मजदूरों व अल्पसंख्यकों के हितों उम निर्णय लेकर, साबित कर दिया कि समाजवादी विचारधारा का अनुसरण कर ही देश व समाज का सर्वागीण विकास संभव है। पूर्व महानगर अध्यक्ष फैसल सलमानी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने अपनी, प्रतिभा के बल पर तीन बार मुख्यमंत्री व केंद्र में रक्षामंत्री के पद पर कार्य किया।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने काफी समय पूर्व, ही कह दिया था कि भारत, का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन हैं, जो आज साबित हो गया है। उन्होंने मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न प्रदान करने की मांग की। शोकसभा को महानगर अध्यक्ष आजम शाह, सलीम अख्तर, रमेश पंवार, विजेश कुमार शर्मा, मजहबी खान, सबरीन, वेदपाल पटनी, सुदेश गुर्जर, परवेज खान प्रधान, बिट्टू नंबरदार, रामाशीष यादव, चौधरी संदीप आदि ने भी संबोधित किया।
इस दौरान राजकुमार प्रधान, रामकुमार विश्वकर्मा, अर्जुन पंडित, विशाल यादव, कल्याण सिंह, देवराज राणा, रवि कम्बोज, अंजु रानी, हाजी शमशेर, अनुज मदनुकी राजकुमार घाटेड़ा, जमाल साबरी, अमरीश चौटाला, रूबी कौशिक, ईमराना, शीबा सिद्दीकी, मेहताब, सुरैया, जिंदी, फुरकान त्यागी, विनोद कुमार, जुबेर अली एडवोकेट, हुस्न जहाँ, तैयब पांडुलि, डॉ मेहताब, बबली साहनी, धनवीर झरोली आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कवि