दिल्ली-एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी, पांच तक निर्माण कार्यों पर रोक, सरकारी दफ्तरों का समय बदला

दिल्ली-एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी, पांच तक निर्माण कार्यों पर रोक, सरकारी दफ्तरों का समय बदला

खास बातें

  • वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर होने पर ईपीसीए ने की घोषणा
  •  दिल्ली में मंगलवार तक स्कूल बंद
  • देश का सबसे प्रदूषित शहर नोएडा, एक्यूआई 499
  • जनवरी के बाद खतरनाक स्तर पर दिल्ली की हवा

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद ‘स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के विशेषज्ञ पैनल पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने पांच नवंबर तक दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने मंगलवार तक सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। वहीं, सरकारी दफ्तरों के समय में भी बदलाव किया गया है।

शुक्रवार को हुई ईपीसीए बैठक के बाद चेयरमैन भूरेलाल ने बताया, दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा सुधारने को पंजाब और हरियाणा सरकार को पराली जलाने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली-एनसीआर में पांच नवंबर तक स्टोन क्रशर, हॉट मिक्स प्लांट और कोयले से चलने वाली फैक्ट्रियां बंद रहेंगी।

पूरी सर्दी पटाखों पर पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद प्रदूषण के साथ पटाखों और पराली के धुएं ने हालात बिगाड़ दिए हैं। ईपीसीए ने दिल्ली, हरियाणा और यूपी के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर प्रदूषण रोकने के कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ईपीसीए सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि सोमवार को हालात की समीक्षा के बाद स्वास्थ्य आपातकाल पर फैसला होगा। प्रदूषण कम न होने पर इसे जारी रख सकते हैं।

गाजियाबाद दूसरा सबसे प्रदूषित शहर
देश में सबसे प्रदूषित शहर नोएडा रहा। यहां शुक्रवार को एक्यूआई 499 रहा। गाजियाबाद में एक्यूआई 496 दर्ज किया गया। वहीं ग्रेटर नोएडा (495), फरीदाबाद (479) और गुरुग्राम (469) में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब रही।

जनवरी के बाद खतरनाक स्तर पर दिल्ली की हवा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली में बृहस्पतिवार रात पीएम 10 का स्तर 582 दर्ज किया गया, जो बेहद गंभीर या आपात श्रेणी में है। यह जनवरी के बाद सबसे ज्यादा स्तर था। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 रहा, जो एक दिन पहले 410 था। यहां बवाना सबसे प्रदूषित रहा, जहां एक्यूआई 497 दर्ज किया गया। उसके बाद डीटीयू (487),  वजीरपुर (485), आनंद विहार (484) और विवेक विहार (482) रहे।

सम-विषम पर हाईकोर्ट का रोक से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में सम-विषम योजना के तीसरे चरण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को दिल्ली सरकार के समक्ष प्रजेंटेशन देने का निर्देश दिया। याचिकाओं में सीएनजी वाहनों को योजना से बाहर रखने, दोपहिया वाहनों और महिला कार चालकों को छूट देने पर सवाल उठाए गए हैं। कोर्ट ने सरकार से पांच नवंबर से पहले इन पर विचार करने को कहा है। दिल्ली में चार से 15 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू होगी।

सीजन में पराली सबसे ज्यादा जली, नम हवाओं से फंसा धुआं
इस मौसम में पहली बार बीते 24 घंटों में पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। इनकी संख्या करीब 3178 रही।  सेंटर ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक, बृहस्पतिवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा 44 फीसदी था। वहीं, शुक्रवार को इसका हिस्सा 38 फीसदी है, जबकि पिछले साल 31 नवंबर को यह
आंकड़ा सिर्फ 25 फीसदी था।

इधर, राजनीति तेज…कब बंद होगा पराली जलाना

दिल्ली के लोग प्रदूषण से परेशान हैं। हम केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार से निर्धारित समयसीमा में कार्रवाई चाहते हैं। आप बताएं कि कब पराली जलाना बंद करेंगे? आप कब नई तकनीक लाकर इससे निजात दिलाएंगे। – अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
राजनीति कर रहे केजरीवाल
केजरीवाल प्रदूषण के मुद्दे पर भी राजनीति कर रहे हैं। अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए पड़ोसी राज्यों को दोषी ठहरा रहे हैं। दिल्ली में वाहन जनित प्रदूषण हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने की प्रमुख वजह है। – प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री
 ऑड-ईवन: दिल्ली सरकार के दफ्तरों का समय बदला, सोमवार से लागू
42 दफ्तरों के लिए स्टैंडर्ड टाइमिंग चार नवंबर से लागू होने से सुबह देर से शुरू होने वाले दफ्तर शाम को बंद भी देर से होंगे। एक ही रूट पर स्थित अधिकतर कार्यालयों के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है, ताकि प्रदूषण, ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलने के साथ ही लोगों की सेहत पर विपरीत प्रभाव न पड़े, इसका भी ध्यान रखा गया है।

सेहत पर भी है ध्यान
प्रदूषण से बचाव के लिए सड़कों पर चलने वाले अधिकतर लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। वाहनों की कम संख्या और प्रदूषण को और न बढ़ने देने की दिल्ली सरकार की इस कोशिश से लोगों की सेहत पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे कर्मियों व अधिकारियों सहित तमाम दिल्ली वासियों को राहत देने की कोशिशें अभी भी जारी हैं।

इन दफ्तरों में सुबह 9.30 बजे शुरू होगा काम
दिल्ली सचिवालय स्थित प्रशासनिक सुधार, पर्यावरण, ऊर्जा, योजना, ऑडिट, वित्त विभाग, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, फॉरेस्ट वाइल्ड लाइफ, विधि, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामान्य प्रशासन सहित आईटीओ स्थित लोकायुक्त कार्यालय और भूमि एवं भवन विभाग के दफ्तरों का समय 9.30 बजे किया गया है।

सिविल लाइंस स्थित पर्यटन, श्रम, विकास, कृषि विपणन, राजस्व, दिल्ली अनुसूचित जाति वित्तीय एवं विकास निगम (डीसीएफडीसीएल), दिल्ली खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड और पुरातत्व विभाग के दफ्तर में कामकाज भी सुबह 9.30 से शुरू होगा।

10.30 बजे शुरू होने वाले दफ्तर
आबकारी, शहरी विकास, गृह, आईटी, कला एवं संस्कृति, गुरुद्वारा, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, उच्च शिक्षा, परिवहन, शिक्षा, एमसीडी और राजस्व सहित अन्य दफ्तरों का समय 10.30 बजे किया गया है।

क्या है हेल्थ इमरजेंसी, ऐसे समझें…

अगर वायु की गुणवत्ता 48 घंटे तक बेहद गंभीर श्रेणी में रहती है तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत कई आपात कदम उठाए जाते हैं। इनमें निर्माण कार्यों पर पाबंदी, सम-विषम जैसी योजना लागू करना, ट्रकों के प्रवेश पर रोक और स्कूलों को बंद करना शामिल होता है।

ईपीसीए की सलाह

  • खुले में कोई गतिविधि करने से बचें।
  • सुबह-शाम की सैर पर नहीं जाएं। खुले में व्यायाम न करें।
  • बच्चों व बुजुर्गों को खुले में जाने से रोके।
  • स्कूलों में बच्चों की आउट डोर एक्टिविटी बंद करें।

दिल्ली के प्रदूषण में पराली का धुआं

28 अक्तूबर    15
29 अक्तूबर    25
30 अक्तूबर    35
31 अक्तूबर    44
01 नवंबर       38

तीन साल में दिवाली के बाद दिल्ली का एक्यूआई  

2019 
28 अक्तूबर    368
29 अक्तूबर    400
30 अक्तूबर    419
31 अक्तूबर    410
01 नवंबर    484

2018

08 नवंबर    390
09 नवंबर    423
10 नवंबर    401

2017

20 अक्तूबर    403
21 अक्तूबर    389
22 अक्तूबर    329

यूपी के शहरों का एक्यूआई

शहर                       एक्यूआई
हापुड़                     472
बागपत                   465
मेरठ                      410
वाराणसी                 409
कानपुर                   403
बुलंदशहर               401
लखनऊ                  382
मुरादाबाद                280
आगरा                     176

(नोट : आंकड़े फीसदी में)


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