एयरपोर्ट पर कोरोना ड्यूटी में तैनात नहीं किए जाएंगे दिल्ली सरकार के शिक्षक
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षक अब दिल्ली के एयरपोर्ट पर कोरोना ड्यूटी में तैनात नहीं किए जाएंगे। पहले कोरोना की रोकथाम के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी एयरपोर्ट पर लगाने का निर्णय लिया गया था। यहां शिक्षकों को यात्रियों को संक्रमण के प्रति जागरूक करने और स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता का कार्य करना था। हालांकि अब दिल्ली सरकार के शिक्षकों को लेकर लिया गया यह फैसला वापस ले लिया है।
यह फैसला वापस लेने से कुछ घंटे पहले सोमवार को ही दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को एयरपोर्ट पर तैनाती का निर्देश दिया था। जिन शिक्षकों की ड्यूटी एयरपोर्ट पर लगाई गई थी, उन्हें 31 दिसंबर से 15 जनवरी तक दिल्ली के हवाईअड्डे पर कोविड ड्यूटी करने को कहा गया था।
गौरतलब है कि इस दौरान दिल्ली सरकार के स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां रहेंगी। प्राधिकरण इन छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को एयरपोर्ट पर कोरोना जागरूकता संबंधी ड्यूटी पर तैनात करना चाहता था। हालांकि दिल्ली सरकार के शिक्षकों का एक बड़ा समूह इस फैसले के खिलाफ था।
दरअसल, चीन समेत कुछ देशों में कोरोनावायरस के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि विदेशों से आने वाले यात्रियों को लेकर सावधानी बरती जा रही है। लेकिन शिक्षकों की नाराजगी व इस फैसले को लेकर उपजे विवाद के बाद जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपना आदेश वापस ले लिया है।
प्राधिकरण के मुताबिक, अब शिक्षकों को 31 दिसंबर से 15 जनवरी तक दिल्ली एयरपोर्ट पर कोविड ड्यूटी नहीं करनी होगी। सभी शिक्षकों के लिए यह आदेश तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया गया है। प्राधिकरण का कहना है कि निकट भविष्य में आवश्यकता होने पर पर एयरपोर्ट पर शिक्षकों के बदले इस कार्य के लिए नागरिक सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
इससे पहले दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जारी किए गए अपने आदेश में दिल्ली सरकार के स्कूलों के कई शिक्षकों को 31 दिसंबर से 15 जनवरी तक दिल्ली हवाईअड्डे पर तैनात करने का निर्णय लिया था। दिल्ली के एयरपोर्ट पर शिक्षकों की तैनाती का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि विदेश से आने वाले यात्री कोविड प्रोटोकॉल का सही से पालन करें। लेकिन अब दिल्ली सरकार के किसी भी शिक्षक को एयरपोर्ट पर तैनात नहीं किया जाएगा। प्राधिकरण का कहना है कि उन्होंने अपना निर्णय पूरी तरह से वापस ले लिया है।