Delhi Farmer Protests: लोगों को सता रहा डर, किसान आंदोलन से कहीं कालिंदी कुंज बॉर्डर भी न हो जाए सील

Delhi Farmer Protests: लोगों को सता रहा डर, किसान आंदोलन से कहीं कालिंदी कुंज बॉर्डर भी न हो जाए सील

नई दिल्ली । केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली में प्रवेश के ज्यादातर रास्ते बंद कर दिए हैं। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर के अलावा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे समेत तमाम रास्तों पर किसानों ने डेरा जमा रखा है, जिससे दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोग परेशान हैं। उन्हें ऑफिस आने-जाने में भारी मुश्किल हो रही है। अभी सिर्फ डीएनडी, बदरपुर व कालदी कुंज बॉर्डर से ही लोग आ-जा पा रहे हैं, लेकिन बुधवार को जिस तरह से पुलिस ने कालिंदी कुंज बॉर्डर को कई घंटों के लिए बैरिकेड लगाकर बंद किया, उससे लोगों को आशंका हो गई है कि ये तीन रास्ते भी ज्यादा दिन चलने वाले नहीं हैं। इनके बंद होते ही दिल्ली पूरी तरह से एनसीआर के शहरों से कट जाएगी। इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को होगी जो दिल्ली में रहकर एनसीआर में या एनसीआर में रहकर दिल्ली में नौकरी कर रहे हैं।

शाहीन बाग फिर सुर्खियों में

सीएए व एनआरसी के विरोध में महीनों तक दिल्ली-नोएडा मार्ग को बंद कर धरना देने वाले शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी एक बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार ये प्रदर्शनकारी केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने पहुंचे हैं। वहीं, आम लोगों का आरोप है कि ये किसान आंदोलन को हाईजैक करने की तैयारी में हैं। दरअसल, शाहीन बाग में कई माह तक सड़क पर धरना देने के बाद कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रदर्शनकारियों को धरना खत्म करना पड़ा था, लेकिन अब किसानों के बहाने इन्हें फिर से धरना देने का मौका मिल गया है। दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों को देखकर इन्हें इस बार के आंदोलन में काफी स्कोप भी दिखाई दे रहा है, इसीलिए शाहीन बाग वालों के साथ ही समान विचारधारा वाले जेएनयू व डीयू के छात्र भी किसान आंदोलन में पहुंच रहे है।

लोग जमा करने लगे खाद्य सामग्री

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के कारण दिल्ली के एक-एक कर सभी सभी बॉर्डर सील होते जा रहे हैं। लोगों को भी यह अंदेशा हो गया है कि आंदोलन लंबा खिंचने वाला है। ऐसे में दिल्ली के लोगों को डर है कि आने वाले दिनों राजधानी में सब्जी, दूध व राशन आदि की आपूर्ति प्रभावित हो जाएगी। इसलिए लोग अभी से फल, सब्जियां व राशन जुटाकर रखने लगे हैं। दरअसल, दिल्ली में फल, सब्जी व दूध समेत विभिन्न खाद्य सामग्री की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से ही होती है, लेकिन लगभग सारे बॉर्डर सील हो जाने के कारण आपूर्ति ठप होने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में लोग आलू, प्याज, अदरक व नींबू समेत ज्यादा दिन तक खराब न होने वाली सब्जियां खरीदकर रख रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में अगर आपूर्ति प्रभावित भी हो तो उन्हें कोई परेशानी न हो।

किसान आंदोलन से दुकानदारों की शामत

इस साल की शुरुआत से ही राजधानी के बाजारों की बदहाली शुरू हो गई थी, जो अब तक जारी है। कोविड-19 लॉकडाउन व कोरोना की तीसरी लहर के सदमे से उबर रहे बाजारों पर अब किसान आंदोलन काली छाया बनकर मंडरा रहा है। शादी का सीजन चल रहा है। लाजपत नगर, सरोजनी नगर व साउथ एक्स आदि बाजारों में दिल्ली के साथ ही एनसीआर के शहरों से भी बड़ी संख्या में खरीदार पहुंच रहे थे, लेकिन किसान आंदोलन के कारण एक-एक कर दिल्ली की सभी सीमाएं सील हो जाने से खरीदारों का दिल्ली पहुंचना मुश्किल हो रहा है। इससे बाजारों से ग्राहक गायब होते जा रहे हैं। दिसंबर के पहले पखवाड़े तक ही शादियों का साया है। इसलिए दुकानदारों को उम्मीद थी कि तब तक कुछ कमाई कर लेंगे। इसके बाद तो वैसे भी बाजार में सन्नाटा ही रहने वाला है, लेकिन किसान आंदोलन ने सब बंटाधार कर दिया।

Jamia Tibbia