बांसुरी स्वराज के खिलाफ मानहानि का मामला, दिल्ली की अदालत 20 फरवरी को लेगी फैसला

बांसुरी स्वराज के खिलाफ मानहानि का मामला, दिल्ली की अदालत 20 फरवरी को लेगी फैसला

दिल्ली की एक अदालत 20 फरवरी को यह तय करेगी कि आप नेता सत्येंद्र जैन द्वारा भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने बृहस्पतिवार को इस मुद्दे पर दलील सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। जैन ने आरोप लगाया है कि बांसुरी ने पांच अक्टूबर 2023 को एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जिसे उन्होंने दावा किया कि लाखों लोगों ने देखा। उन्होंने कहा कि स्वराज ने झूठा दावा किया कि उनके घर से 1.8 किलोग्राम सोना और 133 सोने के सिक्कों के अलावा 3 करोड़ रुपये बरामद हुए। उनकी शिकायत में कहा गया है कि बांसुरी ने जैन को बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए यह टिप्पणी की थी। जैन ने कहा कि स्वराज ने उन्हें ‘‘भ्रष्ट’’ और ‘‘धोखेबाज’’ कहकर उनकी और बदनामी की।

बांसुरी स्वराज ने कही थी ये बात

बीते दिनों इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येंद्र जैन द्वारा दिल्ली की एक अदालत में उनके विरुद्ध दर्ज करायी गयी मानहानि की शिकायत ‘राजनीति से प्रेरित’ है। स्वराज के वकील ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल के समक्ष दलील दी कि इस मामले के तथ्य सार्वजनिक हैं और इसे मानहानि के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता। वकील ने कहा, ‘‘इस मामले में समय का बड़ा महत्व है, क्योंकि शिकायतकर्ता चुनाव लड़ रहा है। यह याचिका राजनीति से प्रेरित है और इसे राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए दायर किया गया है।’’

सत्येंद्र जैन के वकीलों ने कही ये बात

जैन के वकील ने इन दलीलों का विरोध किया और कहा कि स्वराज के बयान तथ्यों के विपरीत हैं। अदालत ने मामले को 22 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया। जैन ने आरोप लगाया कि स्वराज ने पांच अक्टूबर, 2023 को एक समाचार चैनल पर साक्षात्कार के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जिसे लाखों लोगों ने देखा। उनकी शिकायत के अनुसार, स्वराज ने जैन के घर से 1.8 किलोग्राम सोने और सोने के 133 सिक्कों के अलावा तीन करोड़ रुपये नकद मिलने के ‘झूठे दावे’ किये। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि स्वराज ने उन्हें ‘भ्रष्ट और धोखेबाज’ बताते हुए अनुचित राजनीतिक लाभ लेने और बदनाम करने के लिए झूठे बयान दिए।


विडियों समाचार