विशेष बातचीत में बोले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, आम आदमी पार्टी भाजपा की ही एक शाखा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा का मानना है कि आम आदमी पार्टी और भाजपा में कोई ज्यादा फर्क नहीं है। इसे भाजपा की ही एक शाखा समझा जाना चाहिए, क्योंकि यह जिस आंदोलन से निकली, उसमें 90 प्रतिशत भाजपा और आरएसएस के लोग थे। कांग्रेस से सीधे लड़ नहीं पा रहे थे तो उस आंदोलन को मुखौटा बनाकर जनता को गुमराह कर रहे थे। चोपड़ा का दावा है कि कांग्रेस अब आईसीयू से बाहर आ गई है। उसकी लड़ाई अब दिल्ली को बचाने को लेकर है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर सुभाष चोपड़ा से बात की आशीष तिवारी ने। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
कांग्रेस अपनी लड़ाई किससे मान रही है।
कांग्रेस की लड़ाई भाजपा ए और भाजपा बी से है। आपको क्या लगता है आम आदमी पार्टी कोई स्वतंत्र पार्टी है। जिस आंदोलन से निकली हुई पार्टी है वह, उसमें था कौन। 90 प्रतिशत भाजपा और आरएसएस के लोग थे।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस तो खुद खेमों में बंटी है। भाजपा ए और भाजपा बी से मुकाबला कैसे करेंगे।
सब खेमेबाजी खत्म हो गई। अब हम आईसीयू से बाहर आ गए हैं। हम पहले बंटे हुए थे। अब कोई ग्रुप नहीं है। हम सरकार बनाने जा रहे हैं दिल्ली में। वह भी पूर्ण बहुमत से।
इतना विश्वास कैसे आया।
मैं सीनियर मोस्ट हूं। पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया। मैने एक संदेश सबको दे दिया है कि जो सोनिया, राहुल और प्रियंका का नहीं, वह आदमी मेरा नहीं हो सकता। सभी मिलकर काम करें। रही बात पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के भरोसे की, तो हमारा घोषणापत्र देखिएगा।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने तो सब कुछ फ्री कर दिया है। बिजली, पानी और सफर। यह तो आपके लिए चैलेंज होगा।
जवाब : साढ़े चार साल तक जनता सेे बिजली के अलग-अलग टैक्स के नाम पर वसूली करते रहे, जिससे पंद्रह हजार करोड़ रुपये जनता से वसूले। उसमें से अगर दो हजार करोड़ रुपये की दो सौ यूनिट की बिजली फ्री में दे दी तो क्या कोई एहसान किया। यह चैलेंज तो बिल्कुल नहीं है।
क्या चुनावी मुद्दे लेकर मैदान में जाएगी कांग्रेस।
हम छह सौ यूनिट तक बिजली की दरों में रिलीफ देंगे। इसके अलावा न्याय योजना के तहत आने वाले दिल्ली के हर नागरिक को छह हजार रुपये महीने हमारी सरकार देगी। जब-जब दिल्ली में विकास की बात होगी, तो पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित जी के बगैर अधूरी रहेगी। हम उनके किए गए विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। दिल्ली की जनता के लिए बहुत कुछ है हमारे पास।
दिल्ली में तो कांग्रेस एकदम हाशिए पर चली गई थी। आम आदमी पार्टी मजबूत हुई। आप इसकी वजह क्या मानते हैं।
उसकी वजह जनलोकपाल बिल को लेकर चला आंदोलन था। दरअसल लोगों को लगने लगा कि ये लोग बहुत बड़ा बदलाव करने वाले हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। लोग ठगे गए। गर्त में चली गई आम आदमी पार्टी।
क्या पूर्वांचल फैक्टर निर्णायक हो गया है।
ये सब हमारे हैं। दरअसल हमारी पार्टी सबको लेकर चलने में भरोसा करती है।
कहा जा रहा है कि कीर्ति आजाद को पूर्वांचली वोटरों को कांग्रेस से जोड़ने के लिए अहम जिम्मेदारी दी गई है।
कीर्ति आजाद दिल्ली से विधायक रहे हैं। उनका दिल्ली से नाता है। अगर पूर्वांचल को राजनीतिक नजरिए से देखेंगे तो हमारे पास बहुत से पूर्वांचली नेता हैं। महाबल मिश्रा से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा जैसे बड़े नाम हैं।