दिल्ली विधानसभा चुनावः कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की उड़ाईं धज्जियां
दिल्ली के गर्म होते सियासी माहौल में पार्टियों के एक-दूसरे पर हमले भी रफ्तार पकड़ रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल की धज्जियां उड़ाते हुए रिपोर्ट जारी की।
शिक्षा क्षेत्र में करीब 46 प्रतिशत बजट का खर्च नहीं होने, ड्रॉप आउट में बढ़ोतरी, 500 स्कूलों में प्रिंसिपल के खाली पद, आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के हजारों बच्चों को दाखिला न मिलने सहित शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट समेत कई आरोप कांग्रेस ने लगाए हैं। पार्टी ने दिल्ली सरकार के इस मॉडल की आड़ में घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा एवं पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने संवाददाताओं से बातचीत में दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल को कठघरे में खड़ा किया है। दोनों नेताओं ने दिल्ली सरकार पर बच्चों को दो श्रेणियों को बांटे जाने को आरोप लगाया है।
आरोप है कि शिक्षा मॉडल की आड़ में कांग्रेस शासन में बने कमरों की सफेदी कर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। सत्ता में आने पर कांग्रेस इस घोटाले की जांच करवाएगी। ईडब्ल्यूएस बच्चों को नकद राशि नहीं मिलने पर दोनों नेताओं ने सवाल उठाया।
पार्टी ने शिक्षा मॉडल पर उठाए सवाल
- केजरीवाल सरकार ने पांच वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में तयशुदा 26577 करोड़ बजट में से 12243 करोड़ रुपये ही खर्च कर सकी।
- चार वर्षों के दौरान सरकारी स्कूलों में 1.32 लाख बच्चे कम हुए।
- 500 स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं।
- दिल्ली में निरक्षर लोगों की प्रतिशतता 1.7 फीसदी से बढ़कर 3.4 फीसदी पहुंची
- 12591 टीजीटी, पीजीटी के पद खाली, स्वीकृत पदों का 65 प्रतिशत
- ईडब्लूएस छात्रों की संख्या 25 हजार से घटकर हुई 19879
- 12 वीं कक्षा में 18.75 प्रतिशत छात्र दिल्ली के स्कूलों में हुए कम
- दिल्ली सरकार ने ईडब्लूएस छात्रों को मिलने वाली नकद राशि को बंद कर दिया है। .