कारगिल के बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने द्रास आ सकते हैं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

जम्मूः रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कारगिल विजय के 24 साल पूरा होने पर 26 जुलाई को द्रास के कारगिल वार मेमोरियल में सेना के बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए आ लद्दाख आ सकते हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार रक्षामंत्री कारगिल विजय दिवस पर द्रास में कारगिल वार मेमोरियल में बलिदानियाें को श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ लद्दाख के सुरक्षा हालात का जायजा भी लेंगे।
सेना ने रक्षामंत्री के कारगिल विजय दिवस पर लद्दाख दौरे की अधिकारिक रूप से पुष्टि नही की है। कारगिल में कुछ दिन पहले तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्रास आने की उम्मीद भी जताई जा रही है। हालांकि अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के द्रास आने की उम्मीद जताई जा रही है।
कारगिल हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर फिरोज खान का भी यही कहना है कि रक्षामंत्री द्रास आ सकते हैं। कारगिल विजय दिवस के मुख्य कार्यक्रम में बलिदानियों को सलामी देने के लिए थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे के साथ उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भी मौजूद रहेंगे।
10,800 फुट की उंचाई पर कार्यक्रम
समुद्र तल से 10,800 फुट की उंचाई पर द्रास में इस कार्यक्रम में लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडर मिश्रा, कई वरिष्ठ अधिकारी, बलिदानियाें के परिजन व पूर्व नारियां भी हिस्सा लेंगी। दो दिवसीय मुख्य कार्यक्रम 25 जुलाई को द्रास के लमोचन व्यू प्वायंट पर कारगिल की चोटियों की ओट में युद्ध की यादों को ताजा करने के साथ होगा। इसके साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शाम को सशस्त्र सेनाओं के फ्यूजन बैंड का डिस्पले भी होगा।
वहीं 26 जुलाई को मुख्य कार्यक्रम सेना के हेलीकाप्टरों द्वारा वार मेमोरियल पर पुष्प वर्षा के साथ होगा। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्यअतिथि बलिदानियों को श्रद्धांजलि देंगे। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में सेना की ओर से पोलो मुकाबले के साथ स्थानीय निवासियों के लिए भी कई अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान को चटाई थी धूल
वर्ष 1999 में 11 सप्ताह तक चले कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना से भारतीय चोटियों को वापस लेते हुए 527 भारतीय सैनिकों और अधिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस दौरान 1,363 जवान व अधिकारी घायल हुए थे। इस युद्ध में पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान हुआ था।
युद्ध के ग्यारह साल बाद पाकिस्तान ने माना था कि भारतीय सेना से लड़ते हुए उसके 453 सैन्यकर्मी मरे थे। लेकिन दुश्मन का यह आंकड़ा सही नही था। सूत्रों के अनुसार कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के एक हजार से अधिक सैन्य कर्मियों की माैत हुई थी।