Deepawali 2020 पूजन मुहूर्त : आज दोपहर 1.50 बजे से अमावस्या शुरू, रविवार को सुबह 11.27 बजे तक रहेगा

Deepawali 2020 पूजन मुहूर्त : आज दोपहर 1.50 बजे से अमावस्या शुरू, रविवार को सुबह 11.27 बजे तक रहेगा

वाराणसी । प्रभु श्रीराम के वन से अवध आगमन का पर्वोत्सव दीपावली कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। शनिवार को अमावस्या तिथि दिन में 1.50 मिनट पर लग रही है जो 15 नवंबर को 11.27 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दीप ज्योति पर्व दीपावली 14 नवंबर यानी शनिवार को मनाया जाएगा। दीप ज्योति पर्व की पूर्व संध्या पर ही शहर सजधज कर तैयार हो गया। बस अब वैभव लक्ष्मी के पधारने का लोगों में इंतजार है।

पूजन मुहूर्त

दीपोत्सव पर पूरा दिन और पूरा रात भगवती लक्ष्मी की आराधना के लिए उपयुक्त होता है। शास्त्रानुसार प्रदोषकाल में लक्ष्मी की आराधना से सर्वार्थ सिद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है। इस बार स्थिर लग्न में वृष लग्न शाम 5.33 से 7.29 बजे तक है। जो लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वोत्तम समय है। वहीं, दिन में पूजन करना अभीष्ट हो तो 12.57 से 2.28 बजे तक और रात में 12.01 से 2.15 बजे तक सिंह लग्न की प्राप्ति होगी। इन लग्नों के अतिरिक्त किसी भी समय किसी भी लग्न में लक्ष्मी की आराधना की जा सकती है।

देर रात तक गुलजार रहा बाजार

दीपावली पर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक के बाजारों में देर रात तक रौनक दिखी। सुबह से लेकर रात तक लोग दीया, मोमबत्ती, तिल और तीसी का तेल, लक्ष्मी-गणेश और हनुमान जी की मूर्ति, लाई-चूड़ा और मिठाई व अन्य सजावटी सामान खरीदते हुए देखे गए।

झालर लगाने के बाद हुई टेस्टिंग

लोगों ने घरों को विद्युत झालरों से सजाने के बाद छोटी दीपावली की शाम झालरों को जलाकर टेस्ट किया। बची-खुची कसर की कमी पूरी करने के बाद लोगों ने छोटी दीपावली मनाई।

सूरन की हुई खरीदारी

शास्त्रों के विधान के अनुसार दीपोत्सव पर्व के दिन सूरन की सब्जी खाने का विधान है। जिस कारण लोगों ने खूब सूरन खरीदा। दीपावली से एक दिन पूर्व ही देसी सूरन की ज्यादा मांग होने के कारण सूरन 80 से 100 रुपये प्रतिकिलो बिका।

सजावट के लिए गजरे के साथ अन्य फूलों की भी मांग

दीपोत्सव पर्व पर घर से लेकर प्रतिष्ठान तक में सजावट होती है। इसमें विद्युत झालरों के अलावा गेंदे का बड़े साइज के फूल (गजरा ) की खूब बिक्री हुई। इसके साथ ही घोड़ा पत्ता और अशोक की पत्ती की भी खूब मांग मंडी में थी। शहर के मलदहिया और बांसफाटक फूल मंडी में गजरा 3500 से 4000 रुपये सैकड़े तक बिका। वहीं, गुलाब के फूल से बने माला का रेट आज कुछ नरम था। गुलाब का माला शुक्रवार को छह हजार रुपये सैकड़े बिका। इसके अलावा कमल का फूल 15 से 25 रुपये प्रति पीस बिका।

पर्व को लेकर चला सफाई का दौर

दीपावली से एक दिन पूर्व शुक्रवार को दिनभर घरों में साफ-सफाई का दौर चला। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में घर-घर सफाई हुई। घरों से निकले कबाड़ों को बेचा गया।


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