नई दिल्ली। कोरोना महामारी की रफ्तार कम होने के मिलने वाले संकेत से जहां लोगों के बीच राहत देखी जा रही थी वहीं मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मिले डेंगू व वायरल फीवर के मामलों से दोबारा हड़कंप है। इस क्रम में इंदौर में जनवरी से अब तक कुल 447 लोग डेंगू के चपेट में आ चुके हैं और एक की मौत हो गई। ग्वालियर के चीफ मेडिकल व हेल्थ आफिसर डाक्टर मनीष शर्मा ने बताया, ‘शुक्रवार को यहां 37 नए मामले मिले। इसके साथ ही डेंगू मरीजों की संख्या 274 हो गई और अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। हालात पर काबू के लिए हमने 60 और वर्करों की मांग की है।’
डेंगू को फैलने से रोकने में जुटे मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने शुक्रवार को एक शापिंग माल के प्रबंधन पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। दरअसल माल के परिसर में मच्छर का लार्वा मौजूद था। नियमित जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग मे अधिकारियों को गमले में लार्वा मिला। यह जानकारी मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल ने दी। .
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में डेंगू का हाल
ब्रज में जहां 16 मरीजों की मौत हो गई वहीं मैनपुरी में सात, एटा में पांच, कासगंज में तीन और हाथरस में एक महिला की मौत डेंगू से हुई है। जहां तक फिरोजाबाद की बात है तो यहां दो माह तक हाहाकार मचाने के बाद में बुखार काबू में आने लगा है। लेकिन मैनपुरी और एटा जिले में प्रकोप बढ़ ही रहा है। मैनपुरी में हालात निरंतर बिगड़ रहे हैं। शुक्रवार को जिला अस्पताल में चार मरीज पहुंचे। इनमें शहर कोतवाली क्षेत्र के गणेशपुर निवासी एक किशोरी भी थी। चारों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। किशोरी के स्वजन ने डाक्टर को बताया कि झोलाछाप से इलाज करा रहे थे। हालत बिगड़ने पर यहां लाए। एटा जिले में भी बुखार का कहर बरपाने लगा है। कासगंज के तीन मरीजों ने अलीगढ़ में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। फिरोजाबाद में सरकारी अस्पताल में 84 मरीज भर्ती कराए गए, जबकि 93 को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। अलीगढ़ और मथुरा में भी डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं।
डेंगू मरीजों के तंत्रिका तंत्र पर वार कर रहा वायरस
डेंगू मरीजों में जीबी यानी गुनियन बैरे सिंड्रोम (GB Syndrome) जैसी घातक बीमारी उभरने से अपंगता का खतरा है। झुनझुनी और सुन्न होने के बाद कई मरीजों के हाथ-पांव अचानक नाकाम हो गए। न्यूरो फिजिशियन डा. भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि यह वायरस तंत्रिका तंत्र पर हमलावर है। डेंगू के मरीजों में यह लक्षण पहली बार देखा है। मेरठ में आसपास के जिलों से आए जीबी सिंड्रोम के दर्जनों मरीजों का इलाज चल रहा है। सप्ताहभरमें तीन लाख रुपये से ज्यादा का इंजेक्शन लगाना पड़ता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जीबी सिंड्रोम के मरीज ज्यादा मिल रहे हैं, जिसमें ज्यादातर डेंगू रोगी हैं। अमूमन इस बीमारी के लक्षण एक माह में उभरते हैं, लेकिन डेंगू मरीजों में तीन दिन में अपंगता मिल रही है। करीब 70 किलो के मरीज को आइवीआइजी इंजेक्शन देने पर करीब साढ़े तीन लाख का खर्च आ रहा है। हाई प्रोटीन खानपान, वसारहित भोजन, साफ हवा और ज्यादा पानी पीने से बीमारी का प्रभाव कुछ हद तक कम हो सकता है।
एक माह नहीं, अब तीन दिन में लकवा
डा. भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि जीबी सिंड्रोम पहले डेंगू के मरीजों में ज्यादा नहीं रहा, लेकिन अब यह बीमारी खतरनाक रूप से बढ़ रही है। संक्रमण के तीन दिन के अंदर ही कई डेंगू मरीज अपंगता का लक्षण लेकर ओपीडी में आए। ज्यादातर यह बीमारी एडीनो वायरस के संक्रमण से होती है, जिसमें चार सप्ताह बाद मरीज में लक्षण उभरता है। किंतु डेंगू में यह लक्षण तीन दिन में ही मिला।
ये हैं लक्षण-
अचानक कमजोरी, हाथ पैर में चुभन, झनझनाहट और सुन्नपन उभरता है। गर्दन और चेहरे की मांसपेशियां कमजोर पड़ने से कई मरीज भोजन तक नहीं कर पाते हैं। सांस फूलने लगी तो उसके वेंटिलेटर पर भर्ती करने का खतरा बढ़ता है।