‘हिंदुओं में बेटियां देवी बाकी धर्मों में बेबी’, रामकथा में स्वामी रामभद्राचार्य का बड़ा बयान

‘हिंदुओं में बेटियां देवी बाकी धर्मों में बेबी’, रामकथा में स्वामी रामभद्राचार्य का बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश के मेरठ के विक्टोरिया पार्क में जगद्गुरु रामभद्राचार्य की रामकथा चल रही है और इस कथा में उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है. रामकथा के सातवें दिन रविवार को स्वामी रामभद्राचार्य ने समाज और शिक्षा पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में बेटियों को देवी माना जाता है, जबकि अन्य धर्मों में उन्हें बेबी कहा जाता है.

इस दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हिंदू समाज अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल या मदरसों की बजाय संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाए. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति में जातियां तो बनाई गई थीं, लेकिन आज की राजनीतिक पार्टियों ने इन्हें जातिवाद में बदलकर सत्ता हासिल करने का जरिया बना लिया है.

इस्लाम धर्म में महिलाओं की दुर्गति होती है- रामभद्राचार्य

वहीं स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि इस्लाम धर्म में महिलाओं की दुर्गति होती है, महिला से 25 -25 बच्चे पैदा करना और फिर तीन तलाक देना. उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को मदरसे और कान्वेंट स्कूल ना भेजें, बच्चों को वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और मंगल पांडे जैसा बनाएं, कोशिश करें कि बच्चों को सरस्वती विद्यालय भेजें.

रामभद्राचार्य ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को बताया मिनी पाकिस्तान

इससे पहले स्वामी रामभद्राचार्य ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान जैसा बताया था, जिससे पहले ही विवाद शुरू हो चुका था. इस मामले को लेकर विपक्ष भी हमलावर है, सपा नेताओं ने कहा कि वह देश तोड़ने जैसा बयान दे रहे हैं. वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह उनका अपना बयान है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा है कि वह कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि अगर उन्होंने कुछ कहा तो विवाद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वह दिव्यांग है और उनके लिए सम्मान है.

Jamia Tibbia

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *