दारुल उलूम के सबसे उम्रदराज छात्र का इंतकाल, तीन साल पहले कक्षा छह में लिया था प्रवेश

विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम के सबसे उम्रदराज छात्र सैयद मजहर अली का बीमारी के चलते शुक्रवार को निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे।
मूलरूप से महाराष्ट्र औरंगाबाद के रहने वाले मजहर अली पिछले तीन वर्षों से दारुल उलूम में इस्लामी तालीम हासिल कर रहे थे। सैयद मजहर अली ने करीब तीन वर्ष पूर्व इस्लामी तालीम हासिल करने के लिए दारुल उलूम में शशुम (कक्षा छह) में प्रवेश लिया था। इससे पूर्व वह वर्ष 2000 में होली क्रास इंग्लिश हाईस्कूल औरंगाबाद से रिटायर हुए थे। जिसके बाद उन्होंने बीएड, बीएससी, एमएड, एमएससी, पीजीडीसीए, एमए उर्दू और पीएचडी जैसी डिग्रियां हासिल की थीं।
बताया गया कि पांच वर्षों तक उन्होंने औरंगाबाद में ही दीनी पढ़ाई की, इसके बाद उनकी तमन्ना दारुल उलूम से तालीम हासिल कर डिग्री हासिल करने की हुई। जिसके चलते वह तीन वर्ष यहां आए थे। वह पिछले काफी दिनों से हार्ट की बीमारी से जूझ रहे थे। शुक्रवार की दोपहर अचानक ह्रदय गति रुकने से उनका इंतकाल हो गया।
दारुल उलूम की आहत-ए-मोलसरी में संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने उनकी जनाजे की नमाज अदा कराई। जिसके बाद उन्हें कब्रिस्तान शाहविलायत में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।