दारुल उलूम को सऊदी अरब से हो रही फंडिंग, पीएफआई सिर्फ एक मुखौटा: स्वामी दर्शन भारती

दारुल उलूम को सऊदी अरब से हो रही फंडिंग, पीएफआई सिर्फ एक मुखौटा: स्वामी दर्शन भारती

उत्तराखंड आंदोलन के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए कहा कि देश में होने वाले विरोध प्रदर्शनों को फंडिंग करने में पीएफआई तो एक मुखौटा है जबकि इसको अमली जामा दारुल उलूम पहना रहा है। आरोप लगाया कि दारुल उलूम को सऊदी अरब से फंडिंग हो रही है।

सहारनपुर के देवबंद में बुधवार को शिक्षक नगर स्थित भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष गजराज राणा के कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि सीएए देश की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ ताकतें हैं जो मुसलमानों को भ्रमित कर रही हैं। भारती ने आरोप लगाया कि देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के पीछे दारुल उलूम का सीधा- सीधा हाथ है। शाहीन बाग तो इनका छोटा सा मॉडल है, यह पूरे देश में बड़ा मॉडल खड़ा करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि देवबंद से निकले हुए तालिबान और देवबंद को एक विचारधारा का माना जाता है। सीएए के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) तो धन जुटाने का एक मुखौटा है, उस मुखौटे को जो अमलीजामा दारुल उलूम पहना रहा है। जिसे सऊदी अरब से फंडिंग हो रही है।

स्वामी दर्शन भारतीय ने भारत सरकार से मांग की कि दारुल उलूम की मजहबी शिक्षा पर अंकुश लगाए क्योंकि यह कट्टरवाद को जन्म दे रहा है और इससे मुसलमान गुमराह हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सभी लोगों को चाहिए कि वह मजहबी शिक्षा से देश को बचाने का कार्य करें। वार्ता के दौरान भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष गजराज राणा व कर्नल राजीव सिंह आदि मौजूद रहे।