जुमा की नमाज को लेकर दारुल उलूम का फतवा..
- स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें मुसलमान
देवबंद [24CN] : इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम से जारी फतवे में साफ कहा है कि देश के वर्तमान हालात में जुमा की नमाज अदा करने के लिए मुसलमानों को स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
संस्था के कार्यवाहक मोहतमिम कारी उस्मान मंसूरपुरी ने दारुल इफ्ता के मुफ्तियों से लिखित में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का हवाला देकर जुमा की नमाज अदा किए जाने को लेकर सवाल किया था। जिसको लेकर मुफ्तियों की खंडपीठ ने जवाब में कहा कि देश के वर्तमान हालात में जुमा की नमाज अदा करने के लिए मुसलमानों को स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए। यदि किसी मस्जिद में प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ५० लोगों को नमाज अदा करने की इजाजत दी हुई है तो वहां पर संख्या उतनी ही होनी चाहिए।
फतवे में आगे मुफ्तियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई जगह ऐसी है जहां पर मस्जिद में नमाज अदा होने की गुंजाइश न हो तो वहां पर किसी अन्य स्थान जैसे हॉल, बैठक आदि में जुमा की नमाज अदा की जा सकती है। जिसमें इमाम के अलावा कम से कम तीन बालिग लोग शामिल रहें। अगर कहीं पर यह सूरत न बन सके तो वहां पर जौहर की नमाज तन्हा तन्हा अदा की जा सकती है। मुफ्तियों का साफ कहना है कि महामारी से बचाव के लिए दो गज की दूरी और मास्क है जरुरी के अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय की जो भी गाइडलाइन है उसका पालन किया जाए।